नरेंद्र मोदी एवं सरकार का भविष्य: नरेंद्र मोदी की सरकार का एक साल तो आप देख ही चुके हैं। जानिए आने वाले चार सालों में स्वयं मोदी और मोदी सरकार का भविष्य कैसा रहेगा:
- अंतर्राष्ट्रीय ख्याति: पीएम नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने में कामयाब रहेंगे।
- वादों पर खरी: संघर्ष एवं विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद मोदी अपने 60 से 65 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे करेंगे।
- वैश्विक राजनेता की छवि: नरेंद्र मोदी की गजकेसरी, शंख तथा नीचभंग योग में शामिल चंद्र महादशा उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ राजनेताओं की श्रेणी में स्थापित कर देगी।
- समस्याओं का सामना: नरेंद्र मोदी की शनि साढ़ेसाती तथा कुंडली में बने ग्रहण योग के कारण समय-समय पर कुछ गलत निर्णय, विपक्षी दलों द्वारा गंभीर आरोप-प्रत्यारोप तथा कुछ स्वास्थ्य समस्या जैसी घटनाएं घटित होंगी।
- विरोधाभास: मोदी सरकार की शुक्र दशा एवं शनि की ढैय्या भी समय-समय पर विपक्ष, अपनी पार्टी (भाजपा) तथा गठबंधन में शामिल दलों से विरोधाभास की स्थिति पेश करेगा। मंत्रिमंडल में फेरबदल होता रहेगा।
- जूझने की स्थिति: मोदी सरकार की शपथ कुंडली में ग्रहण, पुनर्फू तथा विष योग की वजह से महंगाई, बेरोजगारी, धार्मिक सहिष्णुता के मामले में अस्थिरता के साथ-साथ बड़ी प्राकृतिक आपदाओं एवं नक्सली-आतंकी हमलों से भी नरेंद्र मोदी सरकार को जूझना पड़ेगा।
- अपयश: सरकार की शपथ कुंडली में कालसर्प दोष एवं ग्रहण योग की वजह से सरकार के अच्छे कार्य की चर्चा कम और गलत निर्णयों की चर्चा ज्यादा होगी।
- अथक प्रयास: सरकार की शपथ कुंडली में सभी ग्रहों के पांच घरों में स्थित होने से बना पाश योग समय-समय पर अथक प्रयास के बावजूद कार्यों की सफलता का श्रेय कम लेने देगा। सरकार बंधुआ मजदूर की तरह काम करती नज़र आएगी। फिर भी सरकार को आरोप-प्रत्यारोप झेलने पड़ेंगे।
- गठबंधन पर आंच: मोदी सरकार की शपथ कुंडली में सप्तम भाव में चंद्र + केतु तथा सप्तम पर राहु-शनि-मंगल की दृष्टि विपक्ष के साथ-साथ गठबंधन में शामिल दल भी अपनी गहरी नाराज़गी, सरकार विरोधी बयान से अस्थिरता उत्पन्न करते नज़र आएंगे।
- अंत भला: नरेंद्र मोदी की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती तथा सरकार की कुंडली में शनि की ढैय्या का अशुभ प्रभाव मोदी सरकार के लिए प्रारंभ के ढाई वर्षों तक कभी खुशी-कभी ग़म की स्थिति देगा। ढाई वर्षों के बाद और सरकार का कार्यकाल अंत होने तक मोदी सरकार को कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की सफलता का श्रेय मिलेगा। विरोधी एकजुट होकर भी बड़ा लाभ नहीं प्राप्त कर पाएंगे।
ज्योतिषीय निष्कर्ष: नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री रहते अपने कार्यकाल में संघर्षरत नज़र आएंगे। स्वास्थ्य बाधा, विपक्षी दलों की असहयोग नीति, प्राकृतिक आपदा, महंगाई के प्रकोप के बावजूद 60 से 65 प्रतिशत तक अपने चुनावी वादों को पूरा करने में कामयाब रहेंगे। सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने में कामयाब रहेंगे।
ख़बर इंडिया टीवी के लिए ये भविष्यवाणियां की हैं जाने-माने ज्योतिर्विद समीर उपाध्याय ने