Monday, April 29, 2024
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मेरा जो काम है, मैं करता हूं: राजन

मुंबई: मेरा नाम रघुराम राजन है और मेरा जो काम है, मैं करता हूं। यह बात आरबीआई गवर्नर ने ऐसी टिप्पणीयों के जवाब में कही जिसमें उन्हें नीतिगत ब्याज दर में उम्मीद से अधिक कटौती

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Updated on: September 29, 2015 16:50 IST

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सरकारी बांड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश सीमा बढी, 1.7 लाख करोड़ रपए के अतिरिक्त निवेश की उम्मीद

सरकारी रिण प्रतिभूति बाजार में नकदी प्रवाह बढाने वाले एक निर्णय के तहत भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों (जी-सेक) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश की सीमा चरणबद्ध तरीके से मार्च 2018 तक बढा कर बाजार में पड़े कुल जी-सेक के पांच प्रतिशत तक करने का निर्णय किया है।

इसी तरह राज्य सरकारों की विकास रिण प्रतिभूतियों में भी एफपीआई निवेश की सीमा बढा कर दो प्रतिशत की जाएगी।  इससे केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में मार्च 18 तक कुल 1.2 लाख करोड़ रपए और राज्य विकास रिण प्रतिभूतियों में 50,000 करोड़ रपए का अतिरिक्त निवेश आ सकता है। इस प्रकार केन्द्र और राज्यों की प्रतिभूतियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों से मार्च 2018 तक कुल 1.7 लाख करोड़ रपये की अतिरिक्त राशि आ सकती है।

सरकार के अनुसार इस निर्णय से चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में 26,000 करोड़ रपए और राज्य प्रतिभूतियों में अतिरिक्त 7,000 करोड़ रपए आ सकते हैं।  मौद्रिक नीति की द्वैवार्षिक समीक्षा में इसकी घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर रघुराम जी रामन ने कहा कि यह सीमा अब रपए के हिसाब से घोषित की जाएगी।

समीक्षा वक्तव्य में कहा गया है, मार्च 2018 तक केंद्रीय बैंक की प्रतिभूतियों में एफपीआई निवेश सीमा को बकाया स्टॉक :बाजार में निवेशकों के हाथ में पड़ी जी-सेक: के पांच प्रतिशत के बराबर किया जायेगा।

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