Thursday, May 16, 2024
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पाकिस्तान में डर-डरकर जीने को मजबूर हैं लाखों अफगानी, जानें कितनी मुश्किल हो गई है जिंदगी

पाकिस्तान ने अफगानी लोगों को अफगानिस्तान वापस भेजने के लिए अभियान चला रखा है। पाकिस्तान के इस कदम की वजह से अफगानी लोग डरे हुए है। कई लोगों ने तो अपनी नौकरियां भी छोड़ दी हैं।

Amit Mishra Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Updated on: April 29, 2024 12:39 IST
पाकिस्तान में अफगान शरणार्थी (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP पाकिस्तान में अफगान शरणार्थी (फाइल फोटो)

कराची: पिछले साल अक्टूबर से करीब छह लाख अफगान लोगों को पाकिस्तान से उनके घर वापस भेजा जा चुका है लेकिन अफगानिस्तान के कम से कम दस लाख शरणार्थी अब भी पाकिस्तान में हैं। निर्वासन की आशंका में अफगानी लोग लोग छिप-छिपकर रह रहे हैं। पाकिस्तान में रह गए ये लोग अफगानिस्तान नहीं जाना चाहते। निर्वासन के डर से उन्होंने सार्वजनिक आवाजाही कम कर दी है, अपनी नौकरियां छोड़ दी हैं। यह लोग अपने घरों के आसपास भी बहुत कम निकलते हैं। उनके लिए आजीविका कमाना, किराए पर घर लेना, खाने-पीने का सामान खरीदना या इलाज कराना बहुत मुश्किल हो गया है। अफगान लोगों को डर है कि उन्हें पुलिस उन्हें पकड़ लेगी या फिर पाकिस्तानी नागरिकों उनके बारे में अधिकारियों को सूचना दे देंगे।  

कराची पुलिस ने क्या किया 

हाल ही में एक ऐसी ही घटना सामने आई थी जिसमें कराची में पुलिस ने 18 साल के एक किशोर की नकदी, फोन और मोटरसाइकिल छीनकर उसे निर्वासन केंद्र में भेज दिया था। वहां से उसे अफगानिस्तान भेज दिया गया। उसके माता-पिता करीब 50 साल पहले अफगानिस्तान छोड़कर यहां आए थे। वह इससे पहले कभी अफगानिस्तान नहीं गया और उसके पास जाते वक्त कपड़ों के अलावा कुछ नहीं था। 

पाकिस्तान ने चला रखा है अभियान 

अफगानिस्तान में युद्ध के हालात के बीच ऐसे कम से कम 17 लाख लोगों ने पाकिस्तान में शरण ली थी। हालांकि वो पाकिस्तान में बिना किसी कानूनी अनुमति के रहते रहे लेकिन अब पाकिस्तान ने उन्हें अफगानिस्तान वापस भेजने के लिए अभियान चला रखा है। 

युवक का दर्द 

करीब 15 साल की उम्र से वाहन मेकेनिक के रूप में काम कर रहे एक युवक ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बातचीत में गिरफ्तारी और निर्वासन का अंदेशा जताया। उसने यहां रहने के लिए दस्तावेजों की खातिर आवेदन किया है लेकिन उसे ऐसे कागज मिलने की संभावना नहीं है। पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों या उनके बच्चों को कागजात जारी नहीं कर रहा है। युवक ने कहा, ‘‘मेरी जिंदगी यहां है। अफगानिस्तान में मेरा कोई दोस्त, परिवार, कुछ भी नहीं है।’’ (एपी)

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