Friday, April 26, 2024
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छत्तीसगढ़ : बघेल ने पलटा पिछली बीजेपी सरकार का एक और फैसला, मीसा बंदियों की सम्मान निधि बंद

छत्तीसगढ़ सरकार ने देश में आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे मीसा बंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि को समाप्त करने का फैसला किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 24, 2020 7:52 IST
Bhupesh Baghel Raman Singh- India TV Hindi
Bhupesh Baghel Raman Singh

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने देश में आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे मीसा बंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि को समाप्त करने का फैसला किया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने आज अधिसूचना जारी कर लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 को रद्द कर दिया है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2008 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा, डीआईआर के अधीन निरूध्द व्यक्तियों को सहायता देने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 बनाया था। 

मीसा बंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि पर रोक लगाए जाने को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा है कि उन्होंने मीसा बंदियों पर खर्च की जाने वाली लाखों-करोड़ो रुपयों की राशि के वितरण पर रोक लगाने और इस नियम को समाप्त करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की थी। तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने भाजपा और आरएसएस के नेताओं को खुश करने के लिए मीसा बंदियों को राशि प्रदान करने का आदेश पारित किया था जिसे सम्मान निधि कहा जाता था। तिवारी ने कहा कि इन सम्मान निधियों में जो राशि खर्च की जाती थी उसे अब राज्य के बेरोजगार युवाओं तथा आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली प्रतिभाओं पर खर्च किया जाना चाहिए जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो सके। 

इधर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार के इस निर्णय को अनुचित बताया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार हमेशा की तरह जनविरोधी फैसला ले रही है। राज्य में करीब तीन सौ मीसाबंदी हैं जिन्हें सम्माननिधि दी जा रही थी, लेकिन अब राज्य सरकार ने आदेश निकालकर सम्माननिधि नहीं देने की बात कही है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने मौलिक अधिकारों का निलंबन करते हुए पूरे देश में आपातकाल लगा दिया था। इसके विरोध में जब देश में आवाज बुलंद होने लगी तो लाखों प्रदर्शनकारियों को जेल भेज दिया गया था। लम्बे अंतराल तक जेल में रहने के बाद और कांग्रेस के आम चुनावों में पराजय के बाद मीसा बंदियों की रिहाई हो सकी थी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मीसाबंदियों के लिए सम्माननिधि शुरू की थी जिसे अब वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बंद करने का फैसला लिया है यह अनुचित है तथा लोकतंत्र की हत्या है।

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