Monday, April 29, 2024
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गायत्री प्रजापति को गैंगरेप केस में आजीवन कारावास, अखिलेश सरकार में रह चुके हैं मंत्री

पूर्व मंत्री प्रजापति चित्रकूट की एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप के आरोप में 18 मार्च 2017 को गिरफ्तार हुए थे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 12, 2021 18:52 IST
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Image Source : PTI FILE उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप के एक मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप के एक मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। मामले में दोषी पाए गए पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। गायत्री प्रजापति के साथ आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इन सभी दोषियों को धारा 376(D) के तहत आजीवन कारावास की सजा दी गई और साथ ही 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 

सजा काटने के लिए जेल भेजे गए प्रजापति

अभियोजन पक्ष के मुताबिक शुक्रवार को सांसद/विधायक अदालत के विशेष न्‍यायाधीश पवन कुमार राय ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके दो साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा प्रत्येक दोषी पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस दौरान अदालत में गायत्री और दो अन्य दोषी मौजूद थे जिन्हें सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया। विशेष न्यायाधीश ने बुधवार को गायत्री समेत तीन लोगों को मामले में दोषी करार दिया था और सजा पर फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने जिन लोगों को सजा सुनाई है, उनमें गायत्री प्रजापति के अलावा आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी शामिल हैं।

चार आरोपियो को कोर्ट ने किया बरी
न्यायाधीश ने तीनों को दोषी ठहराते हुए मामले के 4अन्य आरोपियों- विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और चंद्रपाल को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया था। अभियोजन पक्ष ने मामले में 17 गवाह पेश किए थे। गौरतलब है कि 18 फरवरी, 2017 को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य के खिलाफ थाना गौतम पल्ली में सामूहिक दुराचार, जानमाल की धमकी व पॉक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

मंत्री पर लगे थे गंभीर आरोप
 पीड़ित महिला ने दावा किया था कि बलात्कार की घटना पहली बार अक्टूबर 2014 में हुई थी और जुलाई 2016 तक जारी रही। 18 फरवरी, 2017 को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रजापति को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में ही थे। पीड़िता ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर अपने और अपनी नाबालिग बेटी के साथ गैंगेरप करने का आरोप लगाया था। 2013 में पीड़िता चित्रकूट के राम घाट पर गंगा आरती के एक कार्यक्रम में मौजूदा कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से मिली और आरोपों के मुताबिक, वर्ष 2014 में पहली बार गायत्री ने उसके साथ रेप किया। उसके बाद 2016 तक वह लगातार पीड़िता का अन्य लोगों के साथ मिलकर शारीरिक शोषण करते रहे।

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