
मेरठ के 15 कट वाले सौरभ मर्डर का ड्रग एडिक्ट प्रेमी जोड़ा अब जेल में पहुंच चुका है। सौरभ मर्डर केस में एक बात शीशे की तरह साफ है कि इस खौफनाक कत्ल की मास्टरमाइंड मुस्कान है और हत्या में उसका साथ नशेड़ी साहिल ने दिया। अब दोनों गिरफ्तार भी हो चुके है लेकिन अभी भी इस केस में कई सारे लिंक्स हैं जो मिसिंग हैं। अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि मर्डर के 14 दिन बाद तक आखिर साहिल-मुस्कान होटल के रूम से बाहर क्यों नहीं निकले। हिमाचल प्रदेश में ये दोनों बंद कमरे में क्या प्लानिग कर रहे थे। 17 मार्च को जब मुस्कान मेरठ पहुंची, तब तक किसी को भनक नहीं थी कि सौरभ का कत्ल हो चुका है। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि मुस्कान सरेंडर करने पहुंच गई। ऐसा क्या हुआ कि उसने खुद जाकर अपनी मां को मर्डर की दास्तान सुना दी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुस्कान के खूनी खेल का हुआ खुलासा
सौरभ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मुस्कान के खूनी खेल और उसके गुनाह का हर हिसाब लिखा है। मुस्कान की चाकू के वार इतने तेज थी कि खाने में मिलाकर दी गई दवा की नशे की वजह से सो रहे सौरभ की आंख खुल गई, बरामद शव में उसकी एक आंख खुली दिख रही है। उसने मुस्कान के वार से चीखने की कोशिश की लेकिन चीखने के लिए उसका मुंह आधा खुला रह गया और आवाज बाहर नहीं निकल सकी। सौरभ की हत्या के बाद उसका शरीर बेड के बॉक्स में फिट करने की कोशिश की गई लेकिन ऐसा हो नहीं सका, इसीलिए बाथरूम में ले जाकर उसके शरीर के टुकड़े किए गये।
नशे की आदत और खौफनाक गुनाह
बीयर के नशे में धुत साहिल ने पहले मुस्कान के पति सौरभ का सिर काट कर अलग किया और इसके बाद दोनों हाथ के पंजे कलाई से काटे गये। 4 मार्च की सुबह सौरभ की डेड बॉडी को ड्रम में फिट करने की कोशिश की गई और इसके लिए बेरहमी से उसके पैर भी मोड़ दिए गये। सौरभ के शरीर को इस बेरहमी से काटा गया कि शव लेते वक्त भाई के हाथ कांपने लगे, उसकी मां को तो कपड़े में लिपटा हुआ शव ही दिखाया गया।
सौरभ मर्डर केस का सबसे बड़ा मोटिव नशा है। मुस्कान ने नशे की लत पूरी करने के लिए अपने ही सुहाग को रास्ते से हटा दिया। उसे लग रहा था कि सौरभ अगर जिंदा रहा तो साहिल के साथ मिलकर वो सूखा नशा नहीं कर पाएगी और सौरभ की मौत के बाद वो नशे में डूब गई। 4 मार्च की रात करीब 3 बजे सौरभ का सिर-कलाई लेकर मुस्कान साहिल के घर पहुंची थी।बताया जा रहा है कि यहां दोनों ने मिलकर कुछ नशा किया और 4 मार्च की शाम 6 बजे साहिल-मुस्कान हिमाचल के लिए निकल गये।
होटल में बंद मुस्कान और साहिल करते थे नशा
हिमाचल में साहिल हर रोज शराब की दो बोतल लेकर होटल रूम जाता था और जब रात को शराब खत्म होती तो अगले दिन फिर वो शराब खरीदकर ले आता था। हिमाचल से लौटते वक्त भी साहिल-मुस्कान ने शराब पी थी। कैब के ड्राइवर ने पहली बार उस वक्त मुस्कान को नशा करते देखा था। 18 मार्च को गिरफ्तारी के बाद से साहिल-मुस्कान की हालत बहुत खराब है और जेल में भी दोनों नशे की मांग कर रहे हैं। जेल सूत्रों की माने तो मुस्कान-साहिल ने जेल में साथ रहने की डिमांड की थी लेकिन जेल नियमों के चलते ऐसा नही हो सका।
जेल के अंदर इस तरह से रह रहे दोनों
जेल के अंदर साहिल और मुस्कान को अलग-अलग कॉमन बैरक में रखा गया है। मुस्कान 40 महिला कैदियों के साथ बैरक नंबर 12 में रह रही है जबकि साहिल को बैरक नंबर 18 में आम कैदियों के बीच रखा गया है। 19 मार्च को बैरक के अंदर मुस्कान पहले दिन गुमसुम बैठी रही। उसने खाना तक नहीं खाया जबकि साहिल को दाल-रोटी दी गई तो उसने खा ली। 20 मार्च को मुस्कान ने समझाने पर जेल का खाना खा लिया लेकिन किसी से बात नहीं की। अपने चेहरे से कपड़ा भी खाने-नाश्ते के लिए ही हटाया जबकि साहिल पूरी तरह नॉर्मल रहा।
जेल में मुस्कान और साहिल से कोई मिलने नहीं आया
जेल जाने के बाद से ही मुस्कान-साहिल से मिलने कोई नहीं आया है। जेल में पहनने के लिए उनके पास कपड़े तक नहीं हैं। जेल प्रशासन की ओर से ही साहिल को कपड़े दिए गये है लेकिन दोनों किसी भी दूसरे कैदी से बात नहीं कर रहे हैं। मुस्कान ने एक बार जरूर अपनी बेटी से बात करने की इच्छा जताई। अब जेल में दोनों की हालत खराब हो रही है क्योंकि दोनों को नशा नहीं मिल रहा है। जेल सूत्रों की मानें तो
22 मार्च को नशा ना मिलने के कारण साहिल और मुस्कान दोनों ही बेचैन हो गये थे।
मुस्कान का कराया गया है प्रेग्नेंसी टेस्ट
सूत्रों का कहना है कि साहिल ने जेल में गांजे की मांग की जबकि मुस्कान ने मॉर्फिन मांगा। इसके बाद जेल प्रशासन ने दोनों की काउंसलिंग की और रिहैब सेंटर से दोनों को दवाएं दी गईं। माना जा रहा है कि अगले आठ दस दिन तक दोनों नॉर्मल हो जाएंगे। जेल प्रशासन ने मुस्कान का प्रेग्नेसी टेस्ट भी कराया है। जेल की बैरक में मुस्कान और साहिल पर नजर रखने के लिए अलग से स्टाफ की तैनाती की गई है। 24 घंटे दोनों पर पैनी नजर रखी जा रही है। मुस्कान के लिए अलग से दो महिला कर्मचारी तैनात की गईं हैं।