Friday, April 26, 2024
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दिल्ली शराब घोटाले में AAP सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज

दिल्ली शराब घोटाले में आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर को नॉर्थ एवेन्यू इलाके में उनके आवास पर तलाशी लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया था।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: December 22, 2023 18:13 IST
Delhi, Delhi Liquor Scam, Sanjay Singh- India TV Hindi
Image Source : FILE दिल्ली शराब घोटाले में संजय सिंह को मिलेगी जमानत?

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने राज्यसभा सदस्य सिंह की जमानत याचिका खारिज की। राउज एवेन्यू कोर्ट के नागपाल ने 12 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान संजय सिंह के वकील मोहित माथुर ने तर्क दिया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तारी से पहले सिंह से पूछताछ नहीं की थी।

 ईडी ने किया जमानत का विरोध 

वहीं ईडी ने चल रही जांच का हवाला देते हुए जमानत याचिका का विरोध किया और चिंता व्यक्त की कि सिंह की रिहाई संभावित रूप से जांच में बाधा डाल सकती है। ईडी ने कहा कि अगर संजय सिंह को जमानत मिलती है तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और इस मामले के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। 

मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं- संजय सिंह 

वहीं ईडी के इन दावों पर संजय सिंह ने दावा किया है कि उनके भागने का खतरा नहीं है और उनके खिलाफ गवाहों को प्रभावित करने का कोई आरोप नहीं है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें जमानत दी जानी चाहिए, क्योंकि उनकी समाज में गहरी जड़ें हैं और "15 महीने तक ईडी या सीबीआई द्वारा जांच में मेरे हस्तक्षेप या प्रभावित करने का कोई आरोप नहीं है।"

संजय सिंह कभी आरोपी ही नहीं थे- वकील 

वहीं उनके वकील माथुर ने कहा था कि संजय सिंह के खिलाफ पूरक आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है, इसलिए सबूतों के संग्रह के संबंध में कुछ हद तक अंतिम प्रक्रिया बाकी है जो उन्हें जमानत देने का आधार होना चाहिए। वकील ने कहा था कि सिंह न तो आरोपी थे और न ही उन्हें कभी गिरफ्तार किया गया था, न ही उन पर कभी भी अपराध (उत्पाद घोटाले में कथित भ्रष्टाचार) की जांच की जा रही थी।

माथुर ने आगे दावा किया था कि उनकी गिरफ्तारी से पहले ईडी द्वारा दायर किसी भी पूरक आरोपपत्र में उनका नाम शामिल नहीं था। उनके वकील ने कहा था, "अब वे कह रहे हैं कि मुझे रिश्‍वत मिली, लेकिन ईडी ने सह-अभियुक्त मनीष सिसोदिया से संबंधित मामलों में इस अदालत या ऊपरी अदालतों के समक्ष इस पैसे के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा, जब उन्होंने कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का फ्लो-चार्ट पेश किया था।"

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