इंजीनियरिंग का ख्वाब सजाए हर छात्र इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) दिल्ली में पढ़ना चाहता है, लेकिन पढ़ाई कठिन होने के कारण उन्हें काफी मेंटल ट्रामा जैसी परिस्थिति से गुजरना पड़ता है। कुछ छात्र इसे बर्दाश्त नहीं कर पाते और मौत का गले लगा लेते हैं, ऐसे में आईआईटी दिल्ली ने बच्चों को राहत देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे इन बच्चों के मेंटल स्थिति को सुधारा जाएगा।
माहौल के हालात जानने की कोशिश
IIT दिल्ली ने छात्रों के सुसाइड मामलों को देखते हुए परिसर में माहौल जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। आईआईटी दिल्ली कमेटी में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर बाहर के एक्सपर्ट के साथ कुछ इंटरनल सदस्य और पूर्व छात्र भी शामिल हैं। आईआईटी ने कहा कि वह छात्रों की समस्या को समझने और उनका हल निकालने के लिए विभिन्न माध्यमों से अपने छात्रों के साथ बात करता है।
डीन व फैकल्टी से की गई चर्चा
आगे संस्थान ने अपने बयान में कहा कि कमेटी की रिपोर्ट में सभी फैकल्टी और डीन समिति की बैठकों में चर्चा हुई जिससे यह तय किया जा रहे कि फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेशन के सभी मेंबर एकेडमिक एनवायरमेंट के लिए छात्रों के साथ बातचीत के समय इन मुद्दों के प्रति संवेदनशील हों।
आईआईटी दिल्ली समिति द्वारा उजागर किए गए कुछ मुद्दो में ज्यादा प्रतिस्पर्धी माहौल, एंट्रेंस टेस्ट सिस्टम में निहित मुद्दे, कोचिंग कल्चर, जाति, जेंडर के पूर्वाग्रह आदि हैं। हालांकि इन मुद्दों के हल के लिए कुछ प्रक्रियाएं पहले से ही मौजूद थी, लेकिन कमेटी के इन उपायों को मजबूत और अनुकूल बनाने, साथ ही कुछ अन्य उपायों पर विचार करने की जरूरत पर बात की गई।
अन्य उपायों पर भी हुई बात
इसके अलावा, समिति की रिपोर्ट के साथ-साथ मौजूदा काउंसलिंग स्ट्रक्चर के छात्रों के ऑडिट के आधार पर, आईआईटी दिल्ली छात्र हेल्प स्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए एक व्यापक कार्य योजना डेवलप करने की प्लानिंग कर रहा है। रिपोर्ट को संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के समाने पेश किया जाएगा, साथ ही इसके सुझावों को लागू करने के लिए अन्य उपायों पर भी बात होगी।
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