Sunday, December 21, 2025
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कोचीन शिपयार्ड जासूसी कांड: नौसेना की सीक्रेट जानकारी पाकिस्तान भेजने के मामले में तीसरी गिरफ्तारी, सिम सप्लायर निकला

कोचीन शिपयार्ड की गोपनीय जानकारी लीक करने के मामले में पुलिस ने तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इसने पैसों के लिए अपने नाम पर सिम कार्ड लेकर आरोपियों को उपलब्ध कराया।

Reported By : T Raghavan Edited By : Malaika Imam Published : Dec 21, 2025 11:08 pm IST, Updated : Dec 21, 2025 11:10 pm IST
कोचीन शिपयार्ड जासूसी कांड में तीसरा आरोपी हुआ गिरफ्तार- India TV Hindi
Image Source : REPORTER कोचीन शिपयार्ड जासूसी कांड में तीसरा आरोपी हुआ गिरफ्तार

कर्नाटक के उडुपी जिले के मलपे में मौजूद कोचीन शिपयार्ड की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान भेजने के मामले में पुलिस ने तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान हीरेंद्र कुमार उर्फ भरत कुमार खडयात (34) के रूप में हुई है, जो गुजरात के आनंद तहसील का निवासी है।

पुलिस के अनुसार, हीरेंद्र कुमार ने आर्थिक लाभ के लिए अपने नाम पर सिम कार्ड खरीदे और उन्हें उन आरोपियों को उपलब्ध कराया, जो भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक कर रहे थे। मलपे पुलिस ने हीरेंद्र को 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया। आरोप है कि इसी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी हैंडलर के साथ संपर्क साधने के लिए किया गया था।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला उडुपी के कोचीन शिपयार्ड से जुड़ी कंपनी 'M/S सुषमा मरीन प्राइवेट लिमिटेड' से शुरू हुआ। यहां कार्यरत उत्तर प्रदेश के दो कर्मचारियों- रोहित और संत्री पर आरोप है कि वे पिछले डेढ़ साल से भारतीय नौसेना के जहाजों के नंबरों की गोपनीय सूची और अन्य संवेदनशील जानकारी व्हाट्सएप के जरिए शेयर कर रहे थे।

पाकिस्तानी हैंडलर से थे सीधे संपर्क

पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि रोहित और संत्री पाकिस्तान में बैठे एक हैंडलर के सीधे संपर्क में थे। वे पैसों के बदले भारतीय नौसेना की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी सीमा पार भेज रहे थे। इस मामले में मलपे पुलिस थाने में अपराध क्रमांक 128/2025 के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और Official Secrets Act, 1923 की धारा 3 और 5 जैसी गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।

कार्कला उपविभाग की सहायक पुलिस अधीक्षक हर्षा प्रियम्वदा (IPS) के नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम ने इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। टीम ने पहले मुख्य आरोपी रोहित और संत्री को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था और अब तीसरे आरोपी हीरेंद्र को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि हीरेंद्र कुमार ने और कितने सिम कार्ड तस्करों या जासूसों को उपलब्ध कराए थे। साथ ही, इस नेटवर्क में शामिल अन्य संदिग्धों और वित्तीय लेन-देन के स्रोतों की भी बारीकी से तलाश की जा रही है।

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