Sunday, December 21, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. ट्रंप ने चीन की राजनीतिक व्यवस्था को बताया बेहतर, कहा-"वहां केवल एक वोट है...और वो है राष्ट्रपति जिनपिंग का"

ट्रंप ने चीन की राजनीतिक व्यवस्था को बताया बेहतर, कहा-"वहां केवल एक वोट है...और वो है राष्ट्रपति जिनपिंग का"

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के शासन की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि चीन में केवल शी जिनपिंग की चलती है। जबकि हमारे यहां कई व्यवस्थाएं हैं। वहां जिनपिंग जो कहते हैं वो हो जाता है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 21, 2025 06:46 pm IST, Updated : Dec 21, 2025 06:46 pm IST
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन की राजनीतिक व्यवस्था की तारीफ की है, जिसे विपक्ष ने 'लोकतंत्र पर हमला' करार दिया है। हाल ही में एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "हमें एकजुट होना चाहिए। चीन एकजुट है क्योंकि उनके पास एक ही वोट है-वो है राष्ट्रपति शी का। वो कहते हैं 'करो' और बस हो जाता है। हमारी व्यवस्था अलग है।" इस बयान को कई लोगों ने ट्रंप की ओर से चीन की अधिनायकवादी प्रणाली को बेहतर बताने के रूप में देखा है।

अमेरिका-चीन तनावों के बीच आया ट्रंप का बयान

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका-चीन के संबंध तनावपूर्ण हैं। ट्रंप प्रशासन ने चीन पर हैवी टैरिफ लगाए हैं, लेकिन ट्रंप अक्सर शी जिनपिंग की नेतृत्व शैली की प्रशंसा करते रहे हैं। इससे पहले 2018 में भी ट्रंप ने शी को 'लाइफटाइम प्रेसिडेंट' बनने पर बधाई दी थी और कहा था कि अमेरिका में भी ऐसा होना चाहिए। अब 2025 में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह बयान लोकतंत्र समर्थकों को चुभ रहा है। ट्रंप ने इससे अभी कुछ हफ्ते पहले भी अपने अधिकारियों को सीधे खड़े रहने की सीख चीन से लेने के लेने को कहा था। ट्रंप ने कहा था कि जिनपिंग के सामने उनके अधिकारियों की घिघ्घी बंधी रहती है। यानी वह बहुत शांति से डरे हुए से खड़े रहते हैं।

ट्रंप के बयान पर विपक्ष की सख्त प्रतिक्रिया

ट्रंप के इस बयान पर डेमोक्रेटिक पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने कहा, "ट्रंप लोकतंत्र को कमजोर बता रहे हैं और तानाशाही की तारीफ कर रहे हैं। यह अमेरिकी मूल्यों का अपमान है।" वहीं, रिपब्लिकन पक्ष से मिश्रित प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ ने इसे 'व्यावहारिक दृष्टिकोण' बताया, जबकि अन्य ने चुप्पी साध ली। ट्रंप के बयान का संदर्भ अमेरिका में बढ़ते राजनीतिक विभाजन से जुड़ा है। वे कहते हैं कि चीन की 'एकीकृत' व्यवस्था से वहां तेज विकास होता है, जबकि अमेरिका में कांग्रेस और कोर्ट बाधा बनते हैं। आलोचकों का कहना है कि चीन में असहमति दबाई जाती है, जो मानवाधिकार उल्लंघन है। 

क्या अमेरिका के सिस्टम को चीन की तरह बदलना चाहते हैं ट्रंप

क्या ट्रंप अमेरिका के सिस्टम को भी चीन जैसा बनाना चाहते हैं। इस पर ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वे अमेरिकी सिस्टम को बदलना नहीं चाहते, बस एकता की जरूरत बता रहे हैं। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कई मीम्स में ट्रंप को 'शी का प्रशंसक' दिखाया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रंप की रणनीति है। चीन से मुकाबला करते हुए उसकी ताकत को स्वीकार करना, लेकिन यह अमेरिकी चुनावों में मुद्दा बन सकता है। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। चीन ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन चीनी मीडिया ने इसे 'ट्रंप की समझदारी' बताया। यह घटना वैश्विक राजनीति में अधिनायकवाद बनाम लोकतंत्र की बहस को नया आयाम दे रही है।

यह भी पढ़ें

चीन ने किया दुनिया का सबसे बड़ा कमाल, AI-पावर्ड कैप्सूल खाने से हो जाएगी पेट की पूरी जांच; एंडोस्कोपी की पीड़ा से नहीं होगा सामना

धरती से 20 करोड़ मील दूर मंगल ग्रह पर NASA के रोवर ने खींची चौंकाने वाली तस्वीर, घरनुमा संरचना में लगा दरवाजा; यहां कौन रहता था?

Latest World News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement