वाशिंगटनः मंगल ग्रह पर ये 'छिपा हुआ दरवाजा'आखिर किसका है?...धरती से करीब 20 करोड़ मील दूर आखिर कौन रहता है?...क्या मंगल ग्रह पर भी पहले इंसान मौजूद थे, क्या यह उनकी पूर्व सभ्यताओ के सबूत हैं, जैसे धरती पर हड़प्पा मोहनजोदड़ों और सिंधु सभ्यता के सबूत मिले थे....या फिर इसमें एलियंस की मौजूदगी हो सकती है, आखिर इस दरवाजे के भीतर ऐसा कौन सा राज छुपा है...जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है?...आइये जानते हैं।
नासा की तस्वीर में क्या-क्या दिखा
यह तस्वीर नासा के क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा खींची गई है, जिसने दुनिया भर में हड़कंप मचा दिया है। यह तस्वीर वैसे तो पुरानी है, लेकिन अब यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। आइये आपको बताते हैं कि यह तस्वीर नासा ने कब खींची थी और मंगल ग्रह पर छिपे हुए दरवाजे का राज क्या है। जो तस्वीर सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रही है, उसमें मंगल ग्रह पर एक 'छिपा हुआ दरवाजा' दिखाई दे रहा है। इस तस्वीर को नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने खींची थी। पृथ्वी से मंगल ग्रह की दूरी करीब 20 करोड़ मील दूर है। ऐसे में इस रहस्यमयी संरचना खोज ने खलबली मचा दी है। यह तस्वीर मई 2022 में रोवर के मास्ट कैमरे से ली गई थी।
दरवाजे के पीछे क्या है?
नासा द्वारा खींची गई इस तस्वीर में एक चट्टान में आयताकार छेद साफ दिखता है, जो दूर से किसी गुप्त प्रवेश द्वार जैसा लगता है। कई लोग इसे एलियन सभ्यता का सबूत बता रहे हैं!...लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। नासा और विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि यह कोई कृत्रिम दरवाजा या एलियन आधार नहीं है। यह मात्र एक प्राकृतिक चट्टान का फ्रैक्चर है, जो कटाव (इरोजन) या शीयर स्ट्रेस से बना है। इसकी ऊंचाई सिर्फ 30 सेमी (12 इंच) और चौड़ाई 40 सेमी है। यानी एक छोटे कुत्ते के लिए बनाए गए दरवाजे जितना बड़ा होगा। इसके आसपास की चट्टानों में कई लीनियर फ्रैक्चर हैं। यह संरचना दो फ्रैक्चरों के आपस में मिलने वाली जगह पर बना है।
क्या है तस्वीर की सच्चाई
यह तस्वीर वाकई नासा के क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा ही खींची गई है। नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री (JPL) ने फैक्ट-चेक में पुष्टि की कि यह पूरी तरह प्राकृतिक है। कोई एलियन संरचना का सबूत नहीं मिला। यह 'पैरिडोलिया' का क्लासिक उदाहरण है, जहां हमारा दिमाग प्राकृतिक आकृतियों में परिचित चीजें (जैसे दरवाजा) देख लेता है। मंगल पर अरबों साल की हवा और मौसम की मार से ऐसी आकृतियां आम हैं। बता दें कि नासा का यह क्यूरियोसिटी रोवर 2012 से मंगल के गेल क्रेटर में जीवन के संकेत खोज रहा है। यह 'ईस्ट क्लिफ्स' नाम की जगह पर ली गई तस्वीर है, जहां प्राचीन जल की परतों का अध्ययन किया जा रहा है। नासा का कहना है कि यह छेद मंगल के भू-वैज्ञानिक इतिहास की झलक देता है, लेकिन एलियंस से इसका कोई लेना-देना नहीं।
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