बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि जब मुसलमान ऐसी हरकतें करते हैं, तो हम शर्म से अपना सिर झुका लेते हैं। बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास नाम के एक युवक की भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसके शव को पेड़ से लटकाकर जला दिया गया था। दीपू पर ईशनिंदा का आरोप था।
मॉब लिंचिंग पर मदनी ने कहा, "यह बहुत शर्मनाक है। जब मुसलमान ऐसी हरकतें करते हैं, तो हम शर्म से अपना सिर झुका लेते हैं, और इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है। सबसे पहले, किसी भी सभ्य समाज में किसी को भी दूसरे इंसान को मारने का हक नहीं होना चाहिए। चाहे किसी ने कितनी भी बड़ी गलती क्यों न की हो। सजा देने का एक तरीका होता है, और उसी तरीके का पालन किया जाना चाहिए।"
इस्लाम किसी को मारने की इजाजत नहीं देता
मदनी ने हत्या के घिनौना करार दिया और कहा, "अगर अपराधी मुसलमान हैं और पीड़ित गैर-मुस्लिम है, तो यह अपराध और भी ज्यादा घिनौना हो जाता है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। किसी को मारना, या किसी को अपमानित करना, ऐसी कोई भी चीज इस्लाम इजाजत नहीं देता। इस्लाम किसी भी कीमत पर इसकी इजाजत नहीं देता। कितनी भी निंदा की जाए, कम है। हां, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस पूरे उपमहाद्वीप में उग्रवाद बढ़ रहा है, और इसे रोकना होगा। इस क्षेत्र में और दुनिया भर में इसका मुकाबला करना होगा। दुनिया भी ऐसी ही स्थिति का सामना कर रही है, जिसका मुकाबला करना जरूरी है।"
अहमद इलियासी ने भी किया विरोध
बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग पर, ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा, "इंसानियत शर्मसार हुई है। यह इंसानियत का कत्ल है, जिस बेरहमी से बच्चे का कत्ल किया गया, और उसकी मौत के बाद उसके साथ जो किया गया, उसे पेड़ से लटकाया गया, वह सरासर गलत है। जिन बांग्लादेशियों की भारत ने हमेशा मदद की है, ये एहसानफरामोश बांग्लादेशी भूल गए हैं कि भारत हर तरह से उनके साथ खड़ा रहा है। वे मानवाधिकार संगठन कहां हैं? आज वे क्यों नहीं बोल रहे हैं? यह किस तरह की इस्लामी शिक्षा है कि वे इस तरह के कत्ल कर रहे हैं? ये इस्लाम के मानने वाले नहीं हो सकते। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दखल देना चाहिए।"
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