Sunday, December 21, 2025
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सऊदी अरब ने शराब के शौकीनों को दिया बड़ा तोहफा, चुपचाप कर दिया ये काम

सऊदी अरब ने चुपचाप अपनी एकमात्र शराब दुकान तक प्रीमियम रेजिडेंसी वाले गैर-मुस्लिम विदेशियों की पहुंच बढ़ा दी है। यह कदम सामाजिक उदारीकरण और विदेशी निवेश आकर्षित करने की नीति का हिस्सा है। हालांकि आम नागरिकों के लिए शराब अब भी प्रतिबंधित है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Dec 21, 2025 07:11 pm IST, Updated : Dec 21, 2025 07:11 pm IST
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Image Source : AP सऊदी अरब के रियाद में साउंडस्टॉर्म म्यूज़िक फेस्टिवल के दौरान एक बूथ पर नॉन-अल्कोहलिक बीयर भी मिल रही थी।

रियाद: सऊदी अरब ने चुपचाप अपनी एकमात्र शराब की दुकान तक लोगों की पहुंच बढ़ा दी है। अब अमीर विदेशी निवासी भी यहां शराब खरीद सकते हैं। यह कदम इस बेहद रूढ़िवादी देश में लोगों की आजादी बढ़ाने के एक्सपेरिमेंट का एक अहम हिस्सा है। खास बात यह है कि इस फैसले की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन खबर फैल गई है। इस फैसले के सामने आने के बाद सऊदी अरब की राजधानी रियाद के डिप्लोमैटिक क्वार्टर में स्थित बिना नाम वाली शराब की दुकान के बाहर कारों और लोगों की लंबी कतारें लग रही हैं। बता दें कि यह दुकान जनवरी 2024 में गैर-मुस्लिम राजनयिकों के लिए खोली गई थी।

सऊदी अरब में कई दशकों से बैन है शराब

नए नियमों के तहत गैर-मुस्लिम विदेशी, जिनके पास प्रीमियम रेजिडेंसी है, वे भी अब शराब खरीद सकते और बेफिक्र होकर जाम छलका सकते हैं। यह रेजिडेंसी परमिट स्पेशल स्किल वाले विदेशियों, निवेशकों और उद्यमियों को दिया जाता है। बता दें कि सऊदी अरब ने 1950 के दशक की शुरुआत से शराब पर पाबंदी लगा रखी है। इस दुकान को शराब की नियंत्रित बिक्री का पायलट टेस्ट माना जा रहा है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और उनके पिता किंग सलमान ने देश में बड़े बदलाव किए हैं। उनका लक्ष्य पर्यटन बढ़ाना, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहन देना और तेल पर निर्भरता कम करना है।

रियाद में बेहद कड़ी सुरक्षा में होती है बिक्री

बता दें कि इस्लामी शरिया कानून का पालन करने वाले इस देश में अब सिनेमा हॉल खुल गए हैं, महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत मिल गई है और बड़े संगीत कॉन्सर्ट हो रहे हैं। हालांकि सियासी विरोध पर अभी भी सख्त रुख अपनाया जाता है और इसकी सजा मौत तक हो सकती है। शराब अभी भी आम जनता के लिए प्रतिबंधित है। रियाद में स्थित यह बिना नाम वाली दुकान ड्यूटी-फ्री शॉप जैसी दिखती है। इसका मालिकाना हक आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया है और यहां सुरक्षा भी बहुत कड़ी है। यहां आने वाले हर ग्राहक की अच्छी तरह जांच होती है और तलाशी ली जाती है। दुकान के अंदर फोन और कैमरा ले जाना मना है।

'दुकान में शराब की कीमतें बहुत ऊंची हैं'

दुकान में आने वालों के चश्मों तक की जांच की जाती है कि कहीं स्मार्ट ग्लास तो नहीं लगाया गया है। एसोसिएटेड प्रेस ने दुकान से निकलने वाले कई ग्राहकों से बात की। किसी भी ग्राहक ने अपना नाम नहीं बताया क्योंकि शराब पीने वालों को यहां इज्जत की नजर से नहीं देखा जाता है। ग्राहकों ने बताया कि दुकान में शराब की कीमतें बहुत ऊंची हैं क्योंकि राजनयिकों को खरीद पर टैक्स नहीं देना होता, लेकिन प्रीमियम रेजिडेंसी वाले लोगों को टैक्स देना पड़ता है। ग्राहकों ने कहा कि दुकान में सामान अच्छा है, लेकिन कुछ ने बताया कि बीयर और वाइन की वैरायटी बहुत कम है।

वैश्विक विशेषज्ञों को आकर्षित करने की कोशिश

बता दें कि प्रीमियम रेजिडेंसी परमिट देश में वैश्विक विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए बनाया गया है। अन्य रेजिडेंसी से अलग, इसमें सऊदी स्पॉन्सर की जरूरत नहीं है। यह संपत्ति खरीदने, कारोबार शुरू करने और परिवार को स्पॉन्सर करने का अधिकार देता है। इसे पाने के लिए ऊंची आय या बड़ा निवेश जरूरी है। सऊदी और अन्य निवासी जो शराब पीना चाहते हैं, वे अक्सर पड़ोसी देश बहरीन जाते हैं, जहां मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों के लिए शराब कानूनी रूप से उपलब्ध है। वीकेंड और छुट्टियों में सऊदी अरब और खाड़ी देशों से लोग बहरीन जाते हैं, जो शराब के शौकीनों के लिए पॉपुलर डेस्टिनेशन बन गया है।

सऊदी में लोग पीते हैं बिना अल्कोहल वाली शराब

शराब के शौकीनों के लिए महंगा विकल्प दुबई है। सऊदी अरब में कुछ लोग तस्करी करके शराब लाते हैं, जो बहुत महंगी होती है, या घर में बनी शराब पीते हैं, जो असुरक्षित सामग्री से बनती है और जोखिम भरी होती है। सऊदी अरब में कुछ लोग असली शराब की जगह बिना अल्कोहल वाली ड्रिंक लेते हैं सिर्फ मजा लेने के लिए। ऐसे लोग अक्सर सोशल मीडिया पर फोटो डालते हैं। बड़े आयोजनों और उत्सवों में बगैर अल्कोहल वाली बीयर स्टैंड पर युवा सऊदी नागरिकों और पर्यटकों की लंबी लाइनें लगती हैं। सऊदी अरब के संस्थापक राजा अब्दुलअजीज ने शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाई थी क्योंकि 1951 में उनके एक बेटे प्रिंस मिशारी ने नशे में ब्रिटिश वाइस काउंसल सिरिल ओसमैन को जेद्दा में शॉटगन से मार डाला था।

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