Thursday, April 25, 2024
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नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सहयोग करेगा यूनेस्को

भारत सरकार और यूनेस्को के बीच नई शिक्षा नीति पर उच्चतम स्तर की चर्चा हो रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने यूनेस्को निदेशक एरिक फाल्ट के साथ भारतीय शिक्षा नीति पर विस्तृत विचार विमर्श किया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 21, 2021 7:45 IST
 UNESCO will cooperate in the implementation of new...- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE  UNESCO will cooperate in the implementation of new education policy

नई दिल्ली।  भारत सरकार और यूनेस्को के बीच नई शिक्षा नीति पर उच्चतम स्तर की चर्चा हो रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने यूनेस्को निदेशक एरिक फाल्ट के साथ भारतीय शिक्षा नीति पर विस्तृत विचार विमर्श किया। निशंक ने यूनेस्को से इसके क्रियान्वयन में सहयोग का आह्वान भी किया है।

जाने-माने शिक्षाविद प्रोफेसर जे एस राजपूत को यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवेलोपमेंट (एमजीआईईपी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं अनंत दुरियप्पा की भी एक बार फिर एमजीआईईपी के निदेशक पद पर बहाली की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रोफेसर जे एस राजपूत को यूनेस्को एमजीआईईपी के अध्यक्ष के रूप में पुन नियुक्ति एवं अनंत दुरियप्पा को एमजीआईईपी के पुन निदेशक बनने के लिए बधाई दी।

उन्होनें कहा, "शिक्षा मंत्रालय को एमजीआईईपी के निदेशक और अध्यक्ष से उत्कृष्ट समन्वित सहयोग प्राप्त होता है। एमजीआईईपी को एक प्रमुख संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। मुझे विश्वास है कि यह संस्थान सामाजिक एवं भावनात्मक समझ और सतत विकास के लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक केंद्र बिंदु के रूप में उभरेगा।"

डॉ. निशंक ने आगे कहा, "मैंने एमजीआईईपी की तीन मुख्य कार्यक्रमों - रिथिंकिंग लनिर्ंग, रीथिंकिंग यूथ एंड रीथिंकिंग पॉलिसी में हुई प्रगति को देखा है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि छात्रों के सामाजिक, भावनात्मक स्तर के निर्माण के लिए एमजीआईईपी की प्रगति संतोषजनक रही है। मेरा यह भी मानना है कि 2021 के लिए जो भी कार्य योजना एमजीआईईपी द्वारा बनाई गई है, वे निश्चित रूप से इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।"

इसके अलावा उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात करते हुए कहा, "शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की घोषणा की है। इसमें भारत के प्रधानमंत्री के ²ष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया है, जो यूनेस्को के एसडीजी के अनुरूप है।

इसलिए, शिक्षा मंत्रालय, सीएबीई संघ और राज्य सरकारों, शिक्षा से संबंधित मंत्रालयों, शिक्षा, बोडरें, एनटीए, स्कूल और उच्च शिक्षा के नियामक निकायों, एनसीईआरटी, विभिन्न निकायों द्वारा इस नीति के कार्यान्वयन का नेतृत्व किया जाएगा।"

भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय नागरिकों की रचना एक वैश्विक नागरिक के तर्ज पर करेगी। यह नागरिकों में सहानुभूति, करुणा और तर्कसंगत सोच के विचारों को व्याप्त करेगी और भारत सरकार इन उद्देश्यों के लिए प्रतिबद्ध है।

निशंक ने कहा, "भारत सरकार 2030 सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। भारत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए यूनेस्को के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। नई शिक्षा नीति एसडीजी प्राप्त करने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगी।

निष्ठा जैसी पहल उच्च शिक्षा संकाय के लिए दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, लीप और अर्पित, प्रधानमंत्री का नवीन शिक्षण कार्यक्रम ध्रुव, या एमओओसीएस पोर्टल स्वयं सभी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।"

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