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ओकिगहारा जंगल, जिसे सुसाइड फॉरेस्ट (Suicide Forest) या "जुकाई" (Jukai – वृक्षों का समुद्र) भी कहा जाता है, जापान के यामानाशी प्रांत में माउंट फूजी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह जंगल अपने घने वृक्षों, रहस्यमयी वातावरण और आत्महत्याओं की घटनाओं के लिए कुख्यात है।
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ओकिगहारा जंगल लगभग 35 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी मिट्टी ज्वालामुखीय चट्टानों से बनी है, जिससे यहां का पर्यावरण बेहद अनूठा है। यह क्षेत्र बहुत शांत और घना है, जिससे बाहर की आवाजें यहां तक नहीं पहुंच पाती हैं। इसकी शांति और रहस्यमयी बनावट इसे एक अद्वितीय और भयावह स्थान बनाती है।
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ओकिगहारा जंगल की मिट्टी में लौह-अयस्क की अधिकता के कारण यहां कंपास ठीक से काम नहीं करता, जिससे जंगल में दिशा ढूंढना कठिन हो जाता है। कई पर्यटक और खोजी दल इस जंगल में प्रवेश करने के बाद रास्ता भटक जाते हैं।
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ओकिगहारा जंगल जापान में आत्महत्या करने वालों के लिए एक प्रसिद्ध स्थान बन गया है। 1950 के दशक से लेकर अब तक हजारों लोग यहां अपनी जान दे चुके हैं। हर साल जापान की पुलिस और स्वयं सेवक जंगल में तलाशी अभियान चलाकर शवों की खोज करते हैं।
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ओकिगहारा जंगल में आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों की वजह से सरकार ने यहां कई जगहों पर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं, जिन पर लिखा होता है, "कृपया अपनी जिंदगी के बारे में सोचें। आपके परिवार और दोस्तों को आपकी जरूरत है।"
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ओकिगहारा जंगल से कई जापानी लोककथाएं और डरावनी कहानियां जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि यह जंगल प्राचीन काल में "उबासुते" नाम की प्रथा से भी जुड़ा था, जिसमें वृद्ध और बीमार लोगों को परिवार द्वारा जंगल में अकेला छोड़ दिया जाता था, जिससे वो वहीं भूख या ठंड से मर जाते थे। इस कारण कई लोग मानते हैं कि इस जंगल में आत्माओं का वास है।
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कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि इस जंगल में आत्महत्या करने वालों की आत्माएं भटकती हैं और अन्य लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाती हैं। यह जंगल डरावना और रहस्यमयी माना जाता है, फिर भी यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षण केंद्र बना हुआ है। कई लोग यहां ट्रैकिंग और एडवेंचर के लिए भी आते हैं।