Friday, March 29, 2024
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सर्वदलीय बैठक में बोले पीएम मोदी- हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा, हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में नहीं

उन्होंने कहा कि आज हमारे पास ये Capability है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आँख उठाकर भी नहीं देख सकता।

Bhasha Written by: Bhasha
Updated on: June 19, 2020 23:20 IST
PM Modi- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) PM Narendra Modi

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ छह सप्ताह से सीमा पर बने गतिरोध की स्थिति पर शुक्रवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया और ना ही भारतीय चौकियों पर कब्जा किया गया है। प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने से जुड़े घटनाक्रम पर राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी दी। इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। 

भारत की तरफ आंख उठाने वालों को सैनिकों ने सबक सिखाया- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों ने भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिमाकत करने वालों को ‘सबक’ सिखाया। उन्होंने कहा कि सेना को यथोचित कदम उठाने की आजादी दी गयी है। सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने बैठक की शुरुआत में स्पष्ट किया कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई चौकी किसी दूसरे के कब्जे में है।’’

देश की रक्षा के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे शस्त्र बल - पीएम मोदी

बयान के अनुसार उन्होंने नेताओं को आश्वस्त किया कि सशस्त्र बल देश की रक्षा के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। प्रधानमंत्री का यह स्पष्ट बयान इन खबरों के बीच आया है कि चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय पक्ष की तरफ घुसपैठ की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘एक तरफ सेना को जरूरी कदम उठाने के लिए आजादी प्रदान की गयी है, वहीं भारत ने कूटनीतिक तरीकों से चीन को अपने रुख से स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया है।’’

कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता- पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि भारत के पास आज इतनी क्षमता है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। पीएम मोदी ने कहा कि एलएसी पर चीन के कदमों से पूरा देश आहत और आक्रोशित है और उन्होंने यह रेखांकित भी किया कि देश शांति और मित्रता चाहता है, लेकिन संप्रभुता की रक्षा सर्वोपरि है। वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक करीब चार घंटे तक चली जिसमें सोनिया गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी और सीताराम येचुरी समेत विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।

सीमा पर यथास्थिति बहाल की जाएगी- पीएम मोदी

सरकार ने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं ने लद्दाख में सशस्त्र बलों की बहादुरी की प्रशंसा की और इस जरूरत के समय प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर भरोसा जताया। उन्होंने सरकार के साथ एकजुटता से खड़े रहने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। बैठक में सोनिया गांधी ने सरकार से कुछ सख्त सवाल पूछे मसलन क्या एलएसी पर बने हालात पर कोई खुफिया विफलता हुई है? उन्होंने मोदी से आश्वासन देने को कहा कि सीमा पर यथास्थिति बहाल की जाएगी।

सोनिया गांधी ने किए कई सवाल

सोनिया ने अपने शुरुआती बयान में कहा कि इस स्तर पर भी वे इस संकट के कई महत्वपूर्ण पहलुओं से अनभिज्ञ हैं। उन्होंने सरकार के सामने सवाल रखे और पूछा कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में कब प्रवेश किया? उन्होंने पूछा, ‘‘क्या सरकार के विचार से कोई खुफिया नाकामी हुई?’’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा, वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा प्रबंधन पर भारत और चीन के बीच समझौतों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

गलवान में भारत के 20 जवान हुए शहीद

उन्होंने हालिया घटनाक्रम का ब्योरा भी साझा किया। गलवान घाटी में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प 45 साल के इतिहास में दोनों देशों के बीच सीमा पर सबसे बड़े टकराव वाली घटना थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, वहीं चीन की सेना ने अपने मारे गए जवानों की संख्या नहीं जाहिर की है।

प्रधानमंत्री का यह बयान कि भारतीय जवानों ने भारत की तरफ आंख उठाकर देखने वालों को ‘सबक’ सिखाया, चीन के हताहत हुए जवानों के संदर्भ में देखा जा रहा है। चीन के सैनिकों ने भारतीय जवानों पर क्रूरतापूर्ण तरीके से हमले करते हुए पत्थरों, कंटीले तार वाले डंडों, लोहे की छड़ों आदि का इस्तेमाल किया था। इससे पहले भारतीय जवानों ने गलवान में एलएसी के भारतीय क्षेत्र की तरफ चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने पर विरोध दर्ज कराया था।

तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल होना चाहिए- शरद पवार

पूर्व रक्षा मंत्री और राकांपा नेता शरद पवार ने कहा कि तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों को गलवान घाटी में ऊंचे मैदानी इलाकों से बाहर निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन की सेना भारतीय सीमा की तरफ दुब्रुक-डीबीओ मार्ग पर प्रभाव जमाने के मकसद से गलवान घाटी में ऊंचे क्षेत्रों में डटी हुई है। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार के साथ पुरजोर तरीके से खड़ी है और केंद्र को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बुनियादी संरचना परियोजनाओं में चीन के निवेश को अनुमति नहीं देनी चाहिए।

भारत को संकट के समय में एकजुट रहना चाहिए- ममता बनर्जी

तृणमूल के सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को संकट के समय में एकजुट रहना चाहिए और रहेगा। राजद, आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम जैसे विपक्षी दलों ने बैठक में आमंत्रित नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई और निमंत्रण के मानदंड पर सवाल उठाए। 

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