Saturday, April 27, 2024
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शरजील इमाम को जामिया दंगा मामले में राहत नहीं, दिल्ली की अदालत ने जमानत अर्जी खारिज की

दिल्ली पुलिस ने मामले में इमाम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने कथित तौर पर केंद्र सरकार के प्रति नफरत, अवमानना ​​और असंतोष को भड़काने वाले भाषण दिए और लोगों को भड़काया जिसके कारण दिसंबर 2019 में हिंसा हुई।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 22, 2021 14:57 IST
शरजील इमाम को जामिया दंगा मामले में राहत नहीं, दिल्ली की अदालत ने अर्जी खारिज की- India TV Hindi
Image Source : PTI शरजील इमाम को जामिया दंगा मामले में राहत नहीं, दिल्ली की अदालत ने अर्जी खारिज की

नई दिल्ली: जामिया दंगा (2019) मामले में दिल्ली की अदालत ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम को जमानत देने से इनकार कर दिया है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ बयान देने के आरोप में इमाम को गिरफ्तार किया गया था।  इमाम ने 2019 में दो विश्वविद्यालयों में भाषण दिया था, जिसमें उसने कथित तौर पर असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से “काटने” की धमकी दी थी। 

जिन भाषणों के लिए इमाम को गिरफ्तार किया गया था वह कथित तौर पर 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए गए थे। इमाम पर विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज है और वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है। उसके विरुद्ध राजद्रोह का मामला भी दर्ज है। दिल्ली पुलिस ने मामले में इमाम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने कथित तौर पर केंद्र सरकार के प्रति नफरत, अवमानना ​​और असंतोष को भड़काने वाले भाषण दिए और लोगों को भड़काया जिसके कारण दिसंबर 2019 में हिंसा हुई। 

शरजील इमाम को बिहार के जहानाबाद जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। शरजील कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज किये जाने के बाद से फरार था। शरजील की उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और दिल्ली समेत अनेक राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी। 

आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस में स्नातक इमाम जेएनयू के इतिहास अध्ययन केंद्र से पीएचडी करने के लिए दिल्ली चला गया था। सोशल मीडिया पर उसके भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद उस पर मामला दर्ज किया गया था। वीडियो में उसे असम और पूर्वोत्तर को शेष भारत से काटने की बात करते सुना गया था। उसे वीडियो में कहते सुना गया, ‘‘अगर पांच लाख लोग संगठित हो जाएं तो हम पूर्वोत्तर और भारत को स्थाई तौर पर काट सकते हैं। अगर ऐसा नहीं तो कम से कम एक महीने या आधे महीने के लिए ही सही। रेल पटरियों और सड़कों पर इतना मवाद डाल दो कि वायु सेना को इसे साफ करने में एक महीना लग जाए।’’ 

शरजील वीडियो में कह रहा है, ‘‘असम को (शेष भारत से) काटना हमारी जिम्मेदारी है, तभी वे (सरकार) हमारी बात सुनेंगे। हम असम में मुसलमानों की स्थिति जानते हैं। उन्हें डिटेंशन कैंपों में रखा जा रहा है।’’ 

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