नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने राजनैतिक दलों को EVM हैक करने की खुली चुनौती दी है। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनैतिक दलों को बाकायदा समय बताने जा रहा है जिससे कि जिस किसी को भी लगता है कि वो ईवीएम हैक कर सकता है वो तयशुदा तारीख पर चुनाव आयोग आये और ईवीएम हैक करके दिखाए।
कैसे होगा ये कार्यक्रम
सबसे पहले चुनाव आयोग सभी दलों को इसकी चुनौती देगा कि वो हैक करके से पहले ये बताए कि कौन से विधानसभा के कौन से बूथ पर उनको सबसे ज्यादा संशय है ताकि समय रहते उस जगह से वो ईवीएम लाया जा सके। मसलन अगर किसी को पंजाब के लुधियाना के किसी खास हल्के के ईवीएम के परिणाम पर संशय है तो वो वहां की ईवीएम मंगवा सकता है और उसकी को हैक करके दिखाना होगा। लेकिन ये मौका उन्हीं राजनैतिक दलों को मिलेगा जिन्होंने समय रहते चुनाव आयोग पर ragistration कराया हो ।
क्या है चुनाव आयोग की तैयारी
चुनाव आयोग की टेक्निकल कमेटी ने चार सदस्यीय एक टीम बनाई है। जिसमें आईआईटी के प्रोफेसर होंगें। इनमें सबसे प्रमुख प्रोफेसर रजत मुन्ना हैं । प्रोफेसर रजत मुन्ना वही व्यक्ति हैं जिन्होंने देश में परम कंप्यूटर बनाया था। चुनाव आयोग के मुताबिक उनका सिस्टम फूल प्रूफ है और कोई इसे हैक नहीं कर सकता।
किसको मिलेगी हैकिंग करने की अनुमति
जिन राजनैतिक दलों ने चुनाव आयोग को खुली चुनौती दी है उन्हीं को हैकिंग की इजाज़त मिलेगी। बाकी किसी को भी हैकिंग की इजाजत नही दी जाएगी।
क्या होगी प्रक्रिया
जिस दिन हैकिंग का वक्त मुकर्रर होगा उस दिन हर राजनीतिक दल से एक्सपर्ट बुलाये जाएंगे। जिनको भी हैकिंग की इजाजत दी जाएगी उनके लिए अलग से एक क्यूबिक बनाया जाएगा जिसमें जहां की मशीन को वो हैक करने का दावा किया होगा वो मशीन होंगे। उन्हें चुनाव आयोग की टेक्निकल कमेटी के सामने हैक करके दिखाना होगा। एक क्यूबिक में एक ही राजनैतिक दल होगा। चुनाव आयोग ने जो सभी दलों की मीटिंग बुलाई थी उसमें कुछ ही दलों ने हैकिंग के लिए दवा ठोका था। ऐसे में आयोग को उम्मीद है कि एक या दो राजनैतिक दल ही हैकिंग के चुनौती के लिए सामने आएंगे लेकिन ये भी देखना दिलचस्प होगा कि जनता के बीच चुनावी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने वाले राजनैतिक दल में से कौन कौन सामने आता है।