नई दिल्ली: वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका ने बुधवार को कहा कि उनके लिए छोटे दरजे के पद (लो रैंक पोस्ट) पर रहना 'अपमानजनक' है। उन्होंने कहा कि वह तीन महीने से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हरियाणा सरकार के प्रधान सचिव खेमका ने ट्वीट कर कहा, "पदोन्नति की प्रतीक्षा तीन महीने से कर रहा हूं। छोटे पद पर रहना अपमानजनक है।"
उन्होंने कहा कि 'यह ऐसे ही है जैसे किसी लेफ्टिनेंट जनरल को ब्रिगेडियर का पद संभालने के लिए बाध्य किया जाए।'
खेमका ने 2012 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वड्रा और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच हुए 58 करोड़ रुपये कीमत की जमीन सौदे के दाखिलखारिज को रद्द कर विवादास्पद जमीन घोटाले की जांच का आदेश दिया था। उस समय उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
इस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की कार्रवाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ध्यान खींचा था और हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने भाषणों में इसका उल्लेख भी किया था।
हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने के बाद खेमका महत्वपूर्ण पदभार की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन, उन्हें परिवहन विभाग में पदस्थापित कर दिया गया।