Friday, March 29, 2024
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CDS बिपिन रावत बोले- चीन के साथ बातचीत नाकाम हुई तो लद्दाख में सैन्य विकल्प तैयार

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्पों पर भी विचार हो रहा है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 24, 2020 19:58 IST
Bipin Rawat- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Bipin Rawat

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्‍य विकल्‍पों पर भी विचार हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राष्‍ट्रीय सुरक्षा के जिम्‍मेदार लोग इस कोशिश के साथ सभी विकल्‍पों पर विचार कर रहे हैं कि पीएलए लद्दाख में पहले जैसी स्थिति में लौट जाए। बिपिन रावत ने एक अखबार से खास बातचीत में कहा है कि अगर चीन से बातचीत नाकाम होती है तो सैन्य विकल्प तैयार है। उन्होंने कहा चीन से कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है। दोनों देशों की सेनाएं भी शांतिपूर्ण तरीके से मसले को हल करने में जुटी हैं।

रावत ने कहा, ‘’पूर्वी लद्दाख में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से किए गए बदलावों से निपटने के लिए एक सैन्य विकल्प मौजूद है। केवल दो देशों की सेनाओं के बीच बातचीत होने पर ही उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। एलएसी के साथ हुए बदलाव अलग-अलग धारणाओं के कारण होते हैं। रक्षा सेवाओं पर निगरानी रखने और घुसपैठ को रोकने के लिए ऐसे अभियानों को रोकने का काम सौंपा जाता है।’’

रावत ने आगे कहा, ‘’जैसी गतिविधि इस वक्त भारत-तीन के बीच है, ऐसी गतिविधि को शांतिपूर्वक ढंग से हल करने और घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार के संपूर्ण दृष्टिकोण को अपनाया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘’रक्षा सेवाएं हमेशा सैन्य कार्यों के लिए तैयार रहती हैं, फिर चाहें उसमें एलएसी के साथ यथास्थिति को बहाल करने के सभी प्रयासों का सफल न होना ही शामिल क्यों न हो।"

बता दें कि तीन साल पहले जब चीन ने डोकलाम में धौंस दिखाई थी, तब जनरल रावत सेना प्रमुख थे। उन्‍होंने खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी की बात को सिरे से खारिज किया है। जनरल रावत ने कहा कि भारत की इतनी लंबी सीमा है कि उसकी लगातार निगरानी करने की जरूरत पड़ती है। उन्‍होंने कहा कि मल्‍टी-एजेंसी सेंटर की रोज मीटिंग हो रही है। एक-दूसरे को लद्दाख व अन्‍य जगहों की जानकारी दी जा रही है।

गौरतलब है कि सीडीएस बिपिन रावत के इस बयान से पहले 15 अगस्त यानि भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा था कि “एलओसी से लेकर एलएसी (यानि पाकिस्तान से लेकर चीनी सीमा तक) जिसने भी भारत की संप्रभुता की तरफ आंख उठाकर देखा है देश की सेना ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है।”

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