
डीएनए टेस्टिंग
- डीएनए टेस्ट में किसी के शरीर की कुछ कोशिकाएं लेकर दूसरे के शरीर की कोशिकाओं से उसका मिलान किया जाता है।
- इनमें से 99.9 फीसदी बेस सभी लोगों में समान होते हैं। किसी जीव का रूप क्या होगा यह इन बेस या रसायनों की सीक्वेंस पर निर्भर करता है। ठीक उसी तरह जैसे थोड़े से अक्षर मिलकर लाखों-करोड़ों शब्दों और वाक्यों की रचना करते हैं।
- केवल 0.1 पर्सेंट का अंतर होता है और इस वजह से ही हरेक का डीएनए अलग होता है। एक आदमी के सेल्स में लगभग 30 हजार जीन होते हैं, जिनका कुछ खास फंक्शन होता है।
- डीएनए में उपस्थित सूचनाएं चार रसायनों (बेस) के कोड मैप के रूप में होती हैं- एडेनिन, गुआनिन, साइटोसिन और थायमिन। मानव डीएनए करीब तीन अरब बेस से बना होता है।
- डीएनए में कुछ ही जीन फंक्शनल होता है, बाकी नॉन फंक्शनल होता है। नॉन फंक्शनल डीएनए ही रिपीट होता है और डीएनए मैच इसी पर आधारित है। इसी रिपीट की वजह से पैरंट्स से डीएनए उनके बच्चों में आता है।
- ज्यादातर डीएनए कोशिका के न्यूक्लियस में उपस्थित होते हैं जिन्हें न्यूक्लियर डीएनए कहा जाता है। कुछ डीएनए माइटोकॉन्ड्रिया में भी होते हैं जिन्हें माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए कहते हैं।
- डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड को संक्षेप में डीएनए कहते हैं। मानव समेत सभी जीव में अनुवांशिक गुण इसी के जरिए आता है। मनुष्य के शरीर की लगभग हर कोशिका में समान डीएनए मौजूद होते हैं।