नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में रहने वाले अनाथ नाबालिक भाई-बहन ने पीएम मोदी को भावुक खत लिखा। इसमें इन अनाथ बच्चों ने नोट बंदी के कारण उनके सामने आ रही तकलीफों के बारें जिक्र किया। इन अनाथों ने खत में लिखा कि उनकी स्वर्गीय मां ने मेहनत मजदूरी करके उनके लिए 500 और 1000 के पुराने नोटों के रुप में 96,500 रुपये जमा किए है। दोनों अनाथ चाहते है कि इन रुपयों को ने नोंटो में बदला दे या फिर बहन के नाम पर एफदी करवा दें।
ये भी पढ़े
- मन की बात: मोदी ने महात्मा गांधी को अद्भुत व्यक्तित्व का धनी बताया
- 'अयोध्या, मथुरा, वाराणसी और गोरखपुर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति'
- CM योगी का ऐलान, कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 1 लाख रुपये की मदद
दरअसल सूरज और सलोनी की मां पूजा बंजारा दिहाड़ी मजदूरी करती थी। साल 2013 में उनकी कथित रुप में हत्या कर दी गई थी। पिचा राजू बांसरा की पहले ही मौत हो चुकी है। जिसके कारण ये दोनों अनाथ हो गे है। जो कि कोटा की एक संस्था में रह रहे है। बच्चों के कहने पर पुलिस ने बच्चों की मौजूदगी में मकान की तलाशी ली तो वहां सोने-चांदी के जेवरात और एटीएम के अलावा बक्से में रखे बिस्तर में से पुलिस को एक हजार के 22 व 500 के 149 पुराने नोट यानि 96500 रुपए भी मिले।
RBI बैंक ने किया था पुराने नोट बदलने से इंकार
बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष हरीश गुरुबक्षाणी ने बताया, 'आरबीआई के इन पुराने बैंक नोटों को बदलने से इनकार करने के बाद बच्चों ने शनिवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इन्हें बदलने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। 96,500 रुपये की यह रकम उनकी मां की जीवन भर की बचत है। भाई इस रकम को अपनी बहन के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कराना चाहता है।
पीएम मोदी को पत्र लिखा
दोनों भाई बहन ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखा है। जिसमें कहा कि मोदी जी प्लीज हमारे मन की बात सुनिए। 500 और एक हजार के जो नोट हमारे मकान में मिले हैं। जिन्हें हमारी मां ने मेहनत मजदूरी कर हमारे लिए जोड़ा था। उन रुपयों की मेरी छोटी बहन के नाम एफडी करवाएं। जिससे हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके।