Sunday, May 05, 2024
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महबूबा मुफ्ती ने फिर अलापा 'पाकिस्तान राग', जानिए पीएम संग बैठक के बाद क्या कहा

मुफ्ती ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर के लोग बहुत मुश्किल में हैं। 370 को गैरकानूनी तरीके से हटाया गया। उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल हो, मैं फिर कह रही हूं कि पाकिस्तान से बातचीत हो, लोगों की भलाई के लिए पाकिस्तान से भी बात हो।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 24, 2021 23:30 IST
Mehbooba Mufti, PDP chief- India TV Hindi
Image Source : ANI Mehbooba Mufti, PDP chief

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर को लेकर 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं संग करीब साढ़े 3 घंटे तक बैठक की। प्रधानमंत्री आवास पर चली बैठक में विधानसभा चुनाव कराने, पूर्ण राज्य बहाली और अनुच्छेद 370 हटाने समेत अन्य मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई। बता दें कि, अनुच्छेद 370 रद्द होने के बाद पीएम की अध्‍यक्षता में यह पहली बैठक हुई है। 5 अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था। राज्य को जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। उस फैसले के बाद यह पहली ऐसी बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। 

महबूबा ने फिर पाकिस्तान राग अलापा

पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बहुत ही अच्छे माहौल में बात हुई। मैंने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था। इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था। हम धारा 370 को संवैधानिक और कानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं। मुफ्ती ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर के लोग बहुत मुश्किल में हैं। 370 को गैरकानूनी तरीके से हटाया गया। उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल हो, मैं फिर कह रही हूं कि पाकिस्तान से बातचीत हो, लोगों की भलाई के लिए पाकिस्तान से भी बात हो।

मुफ्ती ने कश्मीरी नेताओं को रिहा करने की भी मांग की

महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'संविधान ने हमें जो अधिकार दिया है, जो हमसे छीना गया है। उसके अलावा भी जम्मू-कश्मीर में एक मसला है। सरकार दोहा में तालिबान से बातचीत कर रही है। अगर जम्मू-कश्मीर में अमन लाना है तो उन्हें जम्मू-कश्मीर में बातचीत करनी चाहिए और मुद्दों के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी चाहिए।' इसके अलावा महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से कश्मीरी नेताओं को रिहा करने की भी मांग की।

महबूबा ने कहा- चीन से बात हो सकती है तो पाकिस्तान से क्यों नहीं

PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैंने जम्मू-कश्मीर के लोगों की मुसीबतें सामने रखीं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद-370 हमें पाकिस्तान से नहीं मिला था। ये हमें जवाहर लाल नेहरू और वल्लभ भाई पटेल ने हमें दिया था। ये हमारे डोमेसाइल को सुरक्षित करता है। हमने कहा कि चीन के साथ आप बात कर रहे हैं। आपने पाकिस्तान से बातचीत की और इससे सीजफायर कम हुआ, इसका हम स्वागत करते हैं। पाकिस्तान से फिर बातचीत करनी चाहिए ताकि जो ट्रेड उनके साथ रुका है, वो बहाल हो। UAPA की सख्ती बंद हो, जेलों में बंद कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए। रोज कानून जारी कर देते हैं, जमीनों, रोजगार सुरक्षित होने चाहिए। जो भी हमारा 2019 के बाद नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए पैकेज दिया जाना चाहिए। 

परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होते ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराएंगे- पीएम मोदी

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की दूरी और दिली की दूरी को कम करेंगे। पीएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर का भविष्य बेहतर बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होते ही चुनाव कराएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। पीएम ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है।

बता दें कि, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। राजधानी के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर लगभग साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री और चार पूर्व उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर प्रमुख हैं। 

इनके अलावा बैठक में पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन मौजूद थे। भाजपा की ओर से बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह भी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, गृह सचिव अजय भल्ला और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद रहे। 

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