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कोरोना पर संसद में 20 जुलाई को पीएम मोदी दे सकते हैं प्रजेंटेशन, आज से शुरू होगा मानसून सत्र

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 20 जुलाई को संसद के दोनों सदनों में कोरोना वायरस को लेकर प्रेजेंटेशन दे सकते हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Jul 18, 2021 10:54 pm IST, Updated : Jul 19, 2021 12:00 am IST
कोरोना पर संसद में 20 जुलाई को पीएम मोदी दे सकते हैं प्रजेंटेशन- सूत्र - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO कोरोना पर संसद में 20 जुलाई को पीएम मोदी दे सकते हैं प्रजेंटेशन- सूत्र 

नई दिल्ली। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 20 जुलाई को संसद के दोनों सदनों में कोरोना वायरस को लेकर प्रेजेंटेशन दे सकते हैं। पीएम मोदी सभी दलों के नेताओं को देश में कोविड-19 की स्थिति पर एक प्रजेंटेशन 20 जुलाई को दे सकते हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सभी दलों के नेताओं से चर्चा के बाद प्रजेंटेशन का समय तय किया जाएगा। वहीं, संसद के मानसून सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की कि मोदी दोनों सदनों के सदस्यों को 20 जुलाई को संबोधित करेंगे और महामारी पर बात करेंगे। 

13 अगस्त तक चलेगा संसद का मानसून सत्र

सोमवार (19 जुलाई) से शुरू होने वाला संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा। संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session 2021) से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष का सुझाव महत्वपूर्ण होता है। बहस काफी मायने रखती है और सार्थक और स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नियम के मुताबिक हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने बैठक के बाद बताया कि मानसून सत्र के मद्देनजर 33 दलों के सदन के नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया और कुल 40 से ज़्यादा नेता इसमें शामिल रहे। कई नेताओं ने अहम मुद्दों पर चर्चा को लेकर अपने सुझाव दिए हैं।

संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने बनाई रणनीति 

सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के मॉनसून सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने रविवार को रणनीति बनाई और कहा कि आम जनता से जुड़े विषयों को उठाने के लिए हरसंभव संसदीय साधनों का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के मॉनसून सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पहल पर विपक्षी दलों के नेताओं ने आज अलग से एक बैठक की, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि विपक्षी सांसद सरकार पर विधेयकों को जल्दबाजी में पारित करने की जगह इन्हें संसद की स्थायी समितियों को भेजने के लिये दबाव बनाएंगे।

एक विज्ञप्ति में यहां बताया गया कि विपक्षी नेताओं की बैठक में महंगाई, किसान आंदोलन, कोविड-19 ‘‘कुप्रबंधन’’ जैसे मुद्दों को मॉनसून सत्र में जोर-शोर से उठाने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में उच्च सदन से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा, शिवसेना से संजय राउत, कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश, उपनेता कांग्रेस आनंद शर्मा, माकपा से इलामारक करीम और भाकपा से विनय विश्वम शामिल हुए। बैठक में लोकसभा से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, आम आदमी पार्टी (आप) के भगवंत मान, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, आईयूएमएल के मोहम्मद बशीर, केरल कांग्रेस के थामसजी, शिवसेना के विनायक राउत आदि शामिल हुए।

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