Friday, May 10, 2024
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सुखजिंदर सिंह रंधावा हो सकते हैं पंजाब के नए मुख्यमंत्री, कांग्रेस आलाकमान के पास भेजा गया नाम

सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के नए मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया गया है। सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं। पंजाब कांग्रेस के रंधावा का नाम फाइनल किए जाने के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अंतिम फैसले का इंतजार किया जा रहा है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 20, 2021 16:28 IST
सुखजिंदर सिंह रंधावा हो सकते हैं पंजाब के नए मुख्यमंत्री, कांग्रेस आलाकमान के पास भेजा गया नाम- सूत्- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE सुखजिंदर सिंह रंधावा हो सकते हैं पंजाब के नए मुख्यमंत्री, कांग्रेस आलाकमान के पास भेजा गया नाम- सूत्र

चंडीगढ़: सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के नए मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया गया है। सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं। पंजाब कांग्रेस ने रंधावा का नाम फाइनल किया है। थोड़ी देर में पंजाब के नए सीएम के नाम का ऐलान हो सकता है। पंजाब कांग्रेस ने रंधावा का नाम कांग्रेस आलाकमान को भेजा है। हालांकि, अभी कांग्रेस आलाकमान के पास नए सीएम का नाम भेजा गया है। पंजाब के नए सीएम का आज शाम तक फैसला हो सकता है। सीएम के नाम का अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा।

पंजाब कांग्रेस के रंधावा का नाम फाइनल किए जाने के बाद अब सोनिया गांधी के अंतिम फैसले का इंतजार किया जा रहा है। सुखजिंदर सिंह रंधावा नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाते हैं। थोड़ी देर में पंजाब के नए सीएम के नाम की घोषणा की जाएगी। सोनिया गांधी पंजाब के नए सीएम के नाम का ऐलान करेंगी। राहुल गांधी ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। चंडीगढ़ में रंधावा के घर पर विधायकों का पहुंचना जारी है। रंधावा के साथ पंजाब में दो डिप्टी सीएम भी बनाए जा सकते हैं।  

दो डिप्टी CM के फॉर्मूले पर भी किया जा रहा है विचार

बता दें कि, सुखजिंदर सिंह रंधावा डेरा बाबा नानक सीट से विधायक हैं और कैप्टन कैबिनेट में मंत्री भी थे। वे 2002, 2007 और 2017 में चुनाव जीते थे। वहीं पंजाब में दो डिप्टी CM बनाने के फॉर्मूले पर भी विचार हो रहा है। ये विचार इसलिए आया कि अगर किसी हिंदू चेहरे को CM बनाया जाता है तो फिर एक जट सिख और एक दलित को डिप्टी CM बनाया जा सकता है। अगर सिख को CM बनाया जाता है तो फिर एक हिंदू और एक दलित नेता को डिप्टी CM बनाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, डिप्टी सीएम के लिए कांग्रेस विधायक भारत भूषण आशु और अरुणा चौधरी का नाम आगे किया गया है।   

पद की कभी लालसा नहीं रही- रंधावा

पंजाब में अमरिंदर सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुखजिंदर सिंह रंधावा ने रविवार को कहा कि उनकी कभी किसी पद की लालसा नहीं रही है। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब उनका नाम भी कांग्रेस विधायक दल के नेता के संभावित दावेदारों में लिया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि अगले मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम को लेकर भी चर्चा चल रही, रंधावा ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने कभी किसी पद की लालसा नहीं है। पत्रकारों ने जब सवाल किया कि क्या वे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘आप एक कांग्रेस कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं।’’

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए रंधावा ने कहा, ‘‘एक मुख्यमंत्री तभी तक अपने पद पर रहता है जब तक उसकी पार्टी और राज्य की जनता उसके साथ खड़ी होती है।’’ अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।

विधायक दल के नए नेता के चयन के बारे में रंधावा ने कहा, ‘‘इस बारे में हमने कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने विधायकों के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी चर्चा की है। यह पूछे जाने पर कि विधायक दल का नया नेता चुनने में इतना समय क्यों लग रहा है, तो रंधावा ने कहा, ‘‘अगर आप एक गांव का सरपंच चुनते हैं तो उसमें भी कभी-कभी 20 दिन लग जाते हैं।’’ अमरिंदर सिंह के अपमानित महसूस करने संबंधी बयान पर उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने पांच मुख्यमंत्री बदले हैं। कांग्रेस में भी कुछ मुख्यमंत्री बदले गए हैं। कांग्रेस में अमरिंदर साढ़े नौ साल तक मुख्यमंत्री रहे। मेरा मानना है कि उनको जितना सम्मान मिला, उतना किसी मुख्यमंत्री को नहीं मिला।’’ 

मैंने पंजाब की मुख्यमंत्री बनने से इनकार किया, किसी सिख को संभालनी चाहिए यह जिम्मेदारी: अंबिका सोनी

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने रविवार को कहा कि उन्होंने पंजाब की मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर दिया है क्योंकि सिख बहुल इस राज्य का मुख्यमंत्री कोई सिख ही होना चाहिए। उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि कांग्रेस की पंजाब इकाई में कोई टकराव नहीं है और जल्द ही सबकुछ ठीक हो जाएगा। यह पूछे जाने पर क्या उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया है तो सोनिया गांधी की करीबी मानी जाने वाली अंबिका ने कहा, ‘‘मैंने इनकार कर दिया है। मेरा 50 साल से मानना है कि पंजाब का मुख्यमंत्री कोई सिख होना चाहिए क्योंकि यह देश में एकमात्र राज्य है जहां सिख बहुसंख्यक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी की प्रक्रिया चल रही है। प्रभारी हैं और एक-एक विधायक की राय लिखित में ली जा रही है। कोई टकराव नहीं है।’’ इस बीच, अंबिका सोनी ने पंजाब के घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की है।

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