Friday, May 17, 2024
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विस्फोटक वाले समान के साथ संसद भवन भेजा था पार्सल, पूर्व विधायक को अदालत ने दी जमानत

दिल्ली की एक अदालत ने संसद भवन को बम से उड़ाने की कथित तौर पर धमकी देने के लिए गिरफ्तार मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को जमानत दे दी है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: December 18, 2022 23:38 IST
मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते

दिल्ली की एक अदालत ने संसद भवन को बम से उड़ाने की कथित तौर पर धमकी देने के लिए गिरफ्तार मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को जमानत दे दी है। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने अभियुक्त को यह कहते हुए राहत दी कि संसद भवन को उड़ाने की धमकी के कारण किसी प्रकार का विस्फोट या जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और मामले में जांच पहले ही पूरी हो चुकी है। 

संसद भवन को उड़ाने की दी थी धमकी

गौरतलब है कि 16 सितंबर, 2022 को संसद भवन में ‘स्पीड पोस्ट’ के जरिये भारतीय ध्वज और भारत के संविधान की एक प्रति के अलावा विस्फोटकों से संबंधित संदिग्ध सामान वाला एक पार्सल प्राप्त हुआ था। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी की हिरासत अवधि समेत इन तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कि संसद भवन को उड़ाने की धमकी के परिणामस्वरूप किसी प्रकार का विस्फोट या जीवन या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ है और इस मामले की जांच पूरा हो गयी है और आरोप-पत्र दायर किया गया है। जमानत प्रदान की जाती है।’’ 

जमानत देते हुए अदालत ने क्या कहा
न्यायाधीश ने 17 दिसंबर को पारित एक आदेश में कहा कि मध्य प्रदेश के बालाघाट में लांजी सीट से एक पूर्व विधायक समरीते को 19 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि सीएफएसएल रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्सल से बरामद सामग्री को ‘‘विस्फोटक’’ के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता था, हालांकि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह पता चले कि आरोपी कोई विस्फोट करने में सक्षम था। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और यहां तक कि आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है। 

लाख रुपये के निजी मुचलके पर मिली जमानत
अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर इस शर्त के साथ जमानत दी कि आरोपी भविष्य में इस मामले के लंबित रहने के दौरान किसी भी तरह के अपराध में शामिल नहीं होगा और गवाहों को किसी भी तरह की धमकी नहीं देगा। अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए जमानत अर्जी का विरोध किया था कि आरोपी के मन में देश के कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है और उसके द्वारा किया गया कृत्य राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। 

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