Thursday, April 18, 2024
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"कट्टर कैदी" की श्रेणी में नहीं आता जेल में बंद गुरमीत राम रहीम: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पैरोल या फरलो पर अपनी रिहाई के उद्देश्य से ‘‘कट्टर कैदियों’’ की श्रेणी में नहीं आता है। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 08, 2022 19:52 IST
Gurmeet Ram Rahim- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Gurmeet Ram Rahim

Highlights

  • राम रहीम की फरलो के खिलाफ दायर थी याचिका
  • पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज
  • रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है डेरा गुरमीत राम रहीम

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पैरोल या फरलो पर अपनी रिहाई के उद्देश्य से ‘‘कट्टर कैदियों’’ की श्रेणी में नहीं आता है। न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह की अदालत ने पटियाला निवासी एक व्यक्ति द्वारा दायर उस याचिका का निपटारा किया, जिसमें फरवरी में गुरमीत राम रहीम सिंह को दी गई फरलो को चुनौती दी गई थी। अदालत ने गुरुवार को यह आदेश सुनाया। याचिका को खारिज किया गया क्योंकि गुरमीत राम रहीम सिंह पहले ही जेल लौट चुका है। 

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे सात फरवरी को गुरुग्राम में अपने परिवार से मिलने के लिए तीन सप्ताह की फरलो दी गई थी, क्योंकि हरियाणा सरकार ने निष्कर्ष निकाला था कि वह कट्टर कैदियों की श्रेणी में नहीं आता है। ‘फरलो’ जेल से दोषियों की अल्पकालिक अस्थायी रिहाई है। डेरा प्रमुख के वकीलों में से एक कनिका आहूजा ने शुक्रवार को कहा कि अदालत ने माना है कि राम रहीम ‘‘कट्टर कैदियों’’ की श्रेणी में नहीं आता है। याचिकाकर्ता परमजीत सिंह सहोली ने दलील दी थी कि राम रहीम ने एक जघन्य अपराध किया था जिसके लिए उसे दोषी ठहराया गया है और इसलिए उसे फरलो नहीं दी जानी चाहिए। 

डेरा प्रमुख के वकील ने तर्क दिया कि वह ‘‘कट्टर कैदियों’’ की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि उसे हत्या के दो मामलों में आपराधिक साजिश के आरोप में दोषी ठहराया गया था। गौरतलब है कि राम रहीम सिरसा में अपने आश्रम में दो महिला शिष्यों के साथ बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। उसे अगस्त 2017 में पंचकूला की एक विशेष केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरे (सीबीआई) अदालत ने दोषी ठहराया था। पिछले साल, डेरा प्रमुख को 2002 में डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए चार अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया गया था। वर्ष 2019 में, राम रहीम और तीन अन्य को 2002 में एक पत्रकार की हत्या के लिए भी दोषी ठहराया गया था। उसे इन हत्याओं के लिए अपने सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था। 

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