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भारत का नया एयर डिफेंस सिस्टम-'आकाश प्राइम', चीन और पाकिस्तान की निकलेगी अब हेकड़ी

भारत की स्वदेशी वायु रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा देते हुए सेना ने बुधवार को लद्दाख सेक्टर में आकाश प्राइम डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया।

Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Jul 16, 2025 11:48 pm IST, Updated : Jul 17, 2025 12:07 am IST
आकाश प्राइम मिसाइल प्रणाली- India TV Hindi
Image Source : ANI आकाश प्राइम मिसाइल प्रणाली का परीक्षण

नई दिल्लीः भारतीय सेना ने बुधवार को लद्दाख सेक्टर में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्वदेशी रूप से विकसित आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर किया गया। डीआरडीओ ने इस प्रणाली को विकसित किया है। परीक्षण के दौरान सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने अत्यंत ऊंचाई वाले क्षेत्र में अत्यंत तेज़ गति से चलने वाले विमानों पर दो सीधे प्रहार किए। यह टेस्ट सफल रहा।

आकाश प्राइम वायु रक्षा प्रणाली क्या है?

आकाश प्राइम मूल रूप से आकाश प्रणाली का एक उन्नत संस्करण है, जिसमें विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण मौसम और भूभाग में बेहतर सटीकता के लिए एक बेहतर सीकर प्रणाली है। आकाश ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्धक्षेत्र में अपनी प्रभावशीलता साबित की थी, जहां इसे पाकिस्तान से हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया था। इस प्रणाली ने पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी विमानों और तुर्की निर्मित ड्रोनों को सफलतापूर्वक मार गिराया था।

आकाश वायु रक्षा प्रणाली एक मध्यम दूरी की, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसे गतिशील, अर्ध-गतिशील और स्थिर सैन्य प्रतिष्ठानों को विभिन्न हवाई खतरों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उन्नत रीयल-टाइम मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग, खतरे के मूल्यांकन और टारगेट को मार गिराने की क्षमताओं से लैस है। मौजूदा आकाश प्रणाली की तुलना में आकाश प्राइम बेहतर सटीकता के लिए एक स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) सीकर से लैस है।

4,500 मीटर तक की ऊंचाई पर किया जा सकता है तैनात 

अन्य सुधार भी उच्च ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण में अधिक विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करते हैं। मौजूदा आकाश हथियार प्रणाली की एक संशोधित जमीनी प्रणाली का भी उपयोग किया गया है। आकाश प्राइम प्रणाली ने भारतीय सेना का आत्मविश्वास और बढ़ा दिया है। इस मिसाइल को 4,500 मीटर तक की ऊंचाई पर तैनात किया जा सकता है और यह लगभग 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्यों को मार गिरा सकती है।

कहां पर तैनात होगा आकाश प्राइम डिफेंस सिस्टम?

इस टेस्ट के बाद आकाश प्राइम को अब भारतीय सेना में शामिल किया जा सकता है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आकाश वायु रक्षा प्रणाली की तीसरी और चौथी रेजिमेंट को आकाश प्राइम संस्करण से लैस किए जाने की संभावना है। इस प्रणाली ने ड्रोन खतरों को बेअसर करने और भारत के वायु रक्षा ग्रिड की समग्र शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इनपुट- एएनआई

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