बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का गुरुवार को मैसूर जिले में एक कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसा हुआ जोकि चर्चा का विषय बन गया। मुख्यमंत्री ने मोटर को चलाने के लिए बटन दबाया। सबको लगा कि सीएम जिस काम के लिए इस यहां आए वह हो गया।
कावेरी नीरावरी निगम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे सीएम
सीएम के बटन दबाने के बाद सभी ने तालियां भी बजाईं, लेकिन इसके बाद भी मोटर चालू नहीं हुआ। सीएम ने दोबार बटन दबाया लेकिन इस बार भी वही कहानी रही। बता दें कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार मैसूरु जिले के पिरियापटना तालुक के कोप्पा में जल संसाधन विभाग और कावेरी नीरावरी निगम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां 79 गांवों की 150 झीलों को भरने के लिए मुथिनामुलुसोगे के पास कावेरी नदी से पानी लाने की एक परियोजना का उद्घाटन किया गया है।
इस परियोजना से गांव वालों की पानी आपूर्ति से जुड़ी समस्याएं कम होंगी। इसी परियोजना का उद्घाटन कने के लिए ही मुख्यमंत्री ने बटन दबाया लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग की प्रधान सचिव उमादेवी ने चामुंडेश्वरी बिजली आपूर्ति निगम (CESC) के प्रबंध निदेशक (MD) सीएन श्रीधर को निलंबित कर दिया। बताया जा रहा है कि यह आदेश मैसूर के जिलाधिकारी डॉ केवी राजेंद्र की रिपोर्ट आने के बाद जारी किया।
क्यों किया गया बिजली विभाग के अधिकारी को निलंबित
वहीं अब कहा जा रहा है कि परियोजना के उद्घाटन के समय पट्टिका के पर्दे को हटाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण काम नहीं कर रहे थे। रिपोर्ट में जिलाधिकारी राजेंद्र ने कहा कि 23 जनवरी को एक पत्र द्वारा सूचित किए जाने के बावजूद CESC के MD श्रीधर ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। साथ ही श्रीधर यह सुनिश्चित करने में विफल रहे कि व्यवस्थाएं ठीक थीं। इसके बाद उन्हें निलंबित करने का फैसला किया गया।