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'जज खुद नहीं देख लेते कैसेट, तब तक नहीं कहा जा सकता अश्लील वीडियो', 20 साल पुराने मामले में आया हाई कोर्ट का फैसला

अश्लील वीडियो कैसेट बेचने के आरोप में 20 साल पहले दोषी ठहराए गए व्यक्ति को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है। हाई कोर्ट ने निचली अदालत को इस मामले में काफी खरी-खरी सुनाया भी है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Aug 29, 2025 02:04 pm IST, Updated : Aug 29, 2025 02:19 pm IST
सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK सांकेतिक तस्वीर

केरल हाई कोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति को बरी कर दिया है, जिसे 20 साल पहले अश्लील सामग्री वाले वीडियो कैसेट बेचने के आरोप में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई गई थी। जज कौसर एडप्पागाथ की एकल पीठ ने कोट्टायम निवासी हरिकुमार को इस आधार पर बरी किया कि उसे दोषी ठहराने और सजा सुनाने वाली मजिस्ट्रेट अदालत और उसकी दोषसिद्धी को बरकरार रखने वाली सत्र अदालत, दोनों ने ही यह पता लगाने के लिए उन वीडियो कैसेटों को नहीं देखा कि उनमें अश्लील सामग्री है या नहीं। 

पहले खुद उस वीडियो को देखें

कोर्ट ने कहा कि जब कोई वीडियो कैसेट भारतीय दंड संहिता की धारा 292 (अश्लील पुस्तकों आदि की बिक्री) के तहत सबूत के रूप में पेश किया जाता है, तो कोर्ट के लिए यह आवश्यक है कि वह खुद उस वीडियो को देखे और यह सुनिश्चित करे कि उसमें वास्तव में अश्लील सामग्री है या नहीं। 

जब तक जज स्वयं न देखे वीडियो कैसेट

हाई कोर्ट ने अपने आठ अगस्त के निर्णय में कहा, 'दूसरे शब्दों में, जब तक अदालत या न्यायाधीश स्वयं वीडियो कैसेट को नहीं देखता और उसे यह विश्वास नहीं हो जाता कि उसमें अश्लील सामग्री है, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि अदालत के समक्ष कोई ठोस साक्ष्य मौजूद है जिससे धारा 292 के तहत अपराध सिद्ध हो।'

निचली अदालत की कानून व्याख्या पर दृष्टिकोण गलत

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में वीडियो कैसेट की प्रत्यक्ष जांच आवश्यक थी, जो कि नहीं की गई। फैसले में कहा गया, 'निचली अदालत और अपीलीय अदालत दोनों का साक्ष्य और कानून की व्याख्या करने का पूरा दृष्टिकोण गलत था।' 

मजिस्ट्रेट और सत्र अदालत को दी गई थी चुनौती

हाई कोर्ट ने हरिकुमार की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी दोषसिद्धि और सजा को रद्द कर दिया तथा उसे बरी कर दिया। हरिकुमार ने अपनी याचिका में मजिस्ट्रेट और सत्र अदालत दोनों के निर्णयों को चुनौती दी थी। (भाषा के इनपुट के साथ)

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