Sunday, April 28, 2024
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Meira Kumar: राजस्थान में 'दलित छात्र' के मौत मामले को लेकर काफी नाराज दिखीं कांग्रेस नेता मीरा कुमार, जमकर बोला हमला

Meira Kumar: राजस्थान में कथित रूप से पानी का मटका छूने को लेकर एक शिक्षक की पिटाई के बाद एक दलित छात्र की मौत को लेकर जारी आक्रोश के बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार ने रविवार को जाति प्रथा को एक ‘बीमारी’ करार दिया।

Shashi Rai Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published on: August 21, 2022 14:06 IST
Former Lok Sabha Speaker Meira Kumar- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Former Lok Sabha Speaker Meira Kumar

Highlights

  • राजस्थान में 'दलित छात्र' के मौत का मामला
  • पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने दिया बड़ा बयान
  • राजनीतिक वर्ग कुछ हद तक जिम्मेदार है: मीरा कुमार

Meira Kumar:  राजस्थान में कथित रूप से पानी का मटका छूने को लेकर एक शिक्षक की पिटाई के बाद एक दलित छात्र की मौत को लेकर जारी आक्रोश के बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार ने रविवार को जाति प्रथा को एक ‘बीमारी’ करार दिया। उन्होंने जाति प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने और पूर्वाग्रह के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति अपनाने पर जोर दिया। ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जाति आधारित अत्याचार की घटनाओं को लेकर इस बात में नहीं उलझना चाहिए कि यह किसके शासन में हुई या कौन-सा राजनीतिक दल इसके लिए जिम्मेदार है, क्योंकि इससे मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकता है कि जाति व्यवस्था समाप्त की जानी चाहिए। 

'जाति प्रथा न तो कमजोर हुई है और न ही समाप्त हुई है'

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जाति प्रथा न तो कमजोर हुई है और न ही समाप्त हुई है। मीरा कुमार की यह टिप्पणी 20 जुलाई को राजस्थान के जालौर जिले के एक स्कूल में कथित रूप से पानी का मटके छूने को लेकर एक शिक्षक द्वारा दलित छात्र इंद्र कुमार (9) की पिटाई किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है। अगस्त की शुरुआत में अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई थी। आरोपी शिक्षक छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस दलित छात्र की मौत को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है। 

'राजनीतिक वर्ग कुछ हद तक जिम्मेदार है'

यह पूछे जाने पर कि क्या दलितों पर अत्याचार रोकने के मामले में कांग्रेस सरकार की तरफ से कोई कमी है, मीरा कुमार ने कहा, “मुझसे हर कोई इस बारे में पूछता है। ऐसा नहीं है कि मैं किसी का बचाव कर रही हूं या किसी पर आरोप लगा रही हूं। मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि हां, राजनीतिक वर्ग कुछ हद तक जिम्मेदार है, लेकिन यह मुद्दा सामाजिक है और राजनीति समाज का प्रतिबिंब है।” उन्होंने कहा, “यह कहना कि शासन विशेष या पार्टी विशेष इसके लिए जिम्मेदार है और यह इस राज्य में हुआ है, ये आंकड़े हैं, अन्य राज्यों में आंकड़े अलग हैं, क्योंकि वहां अलग पार्टी की हुकूमत है, हमें वास्तव में इस सब में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि इससे मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकता है।”

'समाज को आगे आना चाहिए'

मीरा कुमार ने कहा कि लोग जब राजनीतिक कोण के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं तो इससे मुद्दे की अहमियत घट जाती है। पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि हर बार जब कोई अत्याचार होता है तो वह इस बहस में उलझकर रह जाता है कि गलती किसकी है। जाति प्रथा के उन्मूलन पर आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक इच्छाशक्ति बेहद जरूरी है। कांग्रेस नेता ने कहा, “समाज को आगे आना चाहिए। धर्म इस समस्या की जड़ है तो धर्मगुरु क्या कह रहे हैं. युवा हमेशा बदलाव चाहते हैं, उन्हें आगे आना चाहिए। महिलाएं, जो मां हैं, बच्चे के जन्म के समय से ही उसके दृष्टिकोण को आकार देने में उनकी प्रमुख भूमिका होती है।” उन्होंने बिहार के घटनाक्रम पर कहा कि राज्य में महागठबंधन सरकार का गठन एक स्वागतयोग्य कदम और ‘सकारात्मक संकेत’ है। 

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