Sunday, April 28, 2024
Advertisement

जोरदार हंगामे के बीच एक दिन पहले खत्म हुआ संसद का शीतकालीन सत्र, जानें- अहम बातें

विपक्ष ने संसद के दोनों सदन में सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा, किसानों के मुद्दे और 12 सदस्यों के निलंबन को लेकर जमकर घेरा है। विपक्ष केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।

Neeraj Jha Written by: Neeraj Jha
Updated on: December 22, 2021 11:46 IST
संसद का शीतकालीन सत्र...- India TV Hindi
Image Source : PTI संसद का शीतकालीन सत्र आज हो सकता खत्म

Highlights

  • विपक्ष लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे पर अड़ा
  • हंगामेदार रहा संसद का ये शीतकालीन सत्र

नयी दिल्ली: लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष की अलग-अलग मांगों और मुद्दों की वजह से सदन में लगातार हंगामे की गुंज है। लेकिन, अब संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। मौजूदा शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और इसके 23 दिसंबर तक चलने का कार्यक्रम था। 

ये पूरा सत्र विपक्ष के हंगामे से गुजरता रहा। दरअसल, विपक्ष ने संसद के दोनों सदन में सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा, किसानों के मुद्दे और 12 सदस्यों के निलंबन को लेकर जमकर घेरा है। विपक्ष केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है। जबकि, सरकार इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से बच रही है। मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता डेरेक ओ ब्रायन को सेक्रेटरी जनरल पर रूल बुक फेंकने के मामले में सस्पेंड कर दिया गया। डेरेक ओ ब्रायन को मौजूदा सत्र के बचे दिनों के लिए सस्पेंड किया गया। बता दें कि, राज्यसभा में मतदाता पहचान पत्र के आधार कार्ड से जोड़ने से संबंधित निर्वाचन विधि (संशोधन) विधयेक 2021 पारित कराने के दौरान कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने जमकर हल्ला बोला।

सरकार ने इस सत्र में ध्वनि मत से पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने से संबंधित निर्वाचन विधि (संशोधन) विधयेक 2021 पारित करा चुकी है। विपक्ष ने सरकार को इस दौरान जमकर घेरा। विपक्षी सदस्य विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग कर रहे थे। सरकार की दलील है कि मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए ये विधेयक जरूरी है। इसे पास कराया गया है। लोकसभा इसे एक दिन पहले पारित किया गया। अब ये राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, हस्ताक्षर के बाद ये कानूनी रूप ले लेगा। 

इस सत्र में किसानों से जुड़े कृषि कानून को वापस लेने संबंधी विधेयक भी पास कराया गया। जिसके बाद केंद्र औपचारिक रूप से कृषि संबंधी तीनों कानूनों को रद्द कर चुकी है। आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवार को मुआवजा दिए जाने को लेकर भी केंद्र विपक्ष के निशाने पर रहा। राहुल गांधी ने लोकसभा में मृत किसान परिवार को मुआवजा दने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘किसान आंदोलन में करीब 700 किसान शहीद हुए। प्रधानमंत्री ने देश से और किसानों से माफी मांगी। 30 नवंबर को कृषि मंत्री से सवाल पूछा गया था कि किसान आंदोलन में कितने किसान शहीद हुए। उन्‍होंने कहा कि उनके पास कोई डेटा नहीं है। हमने पता लगाया, पंजाब की सरकार ने करीब 400 किसानों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। केंद्र किसानों के परिवार को मुआवजा दे।’

पूरे सत्र में सरकार और विपक्ष- दोनों आमने-सामने रहा। कई बार विपक्षी दलों ने अपनी मांग को लेकर सदन से वॉक-आउट किया। वहीं, सपा सांसद जया बच्चन का गुस्सा केंद्र के खिलाफ राज्यसभा में फुंट पड़ा। औसतन पूरे सत्र में 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा गरमाता रहा। 

दरअसल, संसद के मानसून सत्र में हंगामे और अनुशासनहीनता के आरोप में राज्यभा के 12 सासंदों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित सदस्यों में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, सीपीएम के सांसद शामिल हैं। निलंबन वापस लिये जाने की मांग को लेकर केंद्र और विपक्ष में पूरे सत्र के दौरान आरोप-प्रत्यारोप और जोरदार हंगामा देखने को मिला। पिछले दिनों केंद्र ने निलंबित सदस्यों के चार दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन, सभी विपक्षी दलों को ना बुलाये जाने और केंद्र द्वारा मांफी ना मांगने को लेकर इन चार दलों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि केंद्र विपक्षी दलों के बीच मतभेज कराने का षडयंत्र रच रही है।

इनपुट- भाषा

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement