मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में गत सप्ताह बजट पेश किये जाने के दौरान हंगामा करने के कारण विपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा के 19 विधायकों को सदन से नौ महीने के लिए आज निलंबित कर दिया गया। संसदीय मामलों के मंत्री गिरिश बापट ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया और उसे विधानसभा ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद कांग्रेस के नौ और राकांपा के 10 सदस्यों को 31 दिसंबर तक सदन से निलंबित कर दिया गया।
विपक्षी सदस्यों ने किसानों का कर्ज माफ किये जाने की मांग को लेकर 18 मार्च को विधानसभा में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा बजट पेश किये जाने में बाधा पैदा की थी। बापट ने कहा कि विपक्षी विधायकों ने शर्मनाक और असंवैधानिक तरीके से व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि हर किसी को अभिव्यक्ति का अधिकार है लेकिन राज्य के बजट की प्रति को सदन के बाहर जलाने की घटना कभी नहीं हुयी। उन्होंने कहा कि सदस्यों को बैनर दिखाने, झांझ बजाने, नारे लगाने और अध्यक्ष के निर्देशों का निरादर करने के लिए निलंबित किया गया है।
जिन विधायकों को निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस के अमर काले, विजय वाडेतिवार, हर्षवद्र्धन सकपाल, अब्दुल सत्तार, डी पी सावंत, संग्राम थोप्टे, अमित जनक, कुणाल पाटिल, जयकुमार गोरे और राकांपा के भास्कर जाधव, जितेंद्र अवहाद, मधुसूदन केंद्रे, संग्राम जगतप, अवधूत तटकरे, दीपक चव्हाण, दत्ता भरने, नरहरी जीरवल, वैभव पिचाड और राहुल जगतप शामिल हैं। विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सरकार सभी विपक्षी विधायकों को निलंबित कर सकती है लेकिन वे किसानों के मुद्दे उठाते रहेंगे।