ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाले अधिकांश विपक्षी दल इसे सिद्ध करने की चुनाव आयोग की चुनौती को दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने स्वीकार कर लिया है जबकि बाक़ी दल पीछे हट गये हैं।
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को इस चुनौती में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार शाम पांच बजे तक आवेदन करने का समय दिया था लेकिन ज्यादातर दलों ने इसकी प्रक्रिया पर ही सवाल उठाकर उसमें बदलाव की मांग करते हुए इसे अस्वीकार कर दिया। आयोग के सूत्रों के अनुसार केवल राकांपा और माकपा ने ही उसकी चुनौती को स्वीकार किया है जबकि आठ राजनीतिक दलों ने अलग-अलग मांग करते हुए आयोग को पत्र लिखे हैं। राकांपा ने इस चुनौती में हिस्सा लेने के लिए अपने तीन प्रतिनिधियों के नाम आयोग को भेजे हैं।
आयोग के अनुसार सभी आवेदनों की दोबारा जांच के बाद पाया गया कि माकपा ने भी चुनौती में हिस्सा लेने की इच्छा जाहिर की है। आयोग ने कहा है कि राकांपा के आवेदन को देखते हुए तीन जून को सुबह दस बजे से दो बजे तक मशीनों में छेडछाड से सम्बन्धित कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए मशीनें पंजाब ,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से मंगायी जाएंगी ।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आयोग को पत्र लिखकर मशीनों को हैक करने की प्रक्रिया की शर्तों में ढील देने की मांग की है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने इस प्रदर्शन को देखने की इच्छा जतायी है जबकि ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है।
आयोग ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का आवेदन ई मेल के ज़रिये शाम पांच बजकर 39 मिनट पर प्राप्त हुआ जबकि आवेदन स्वीकार करने की समय सीमा शाम पांच बजे समाप्त हो गयी थी। इसलिए राजद का आवेदन खारिज कर दिया गया।