नई दिल्ली: नोटबंदी का लगातार विरोध कर रहे लालू यादव ने अपना बागी रुख बदल लिया है। 8 नवंबर के बाद से ही केंद्र सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध कर रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अब नोटबंदी का समर्थन किया है और कहा है कि उनका विरोध केवल इसे लागू किए जाने में हुई अव्यवस्था और बदइंतजामी से है, ना कि इसके पीछे छुपे मकसद से।
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नोटबंदी के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने नोटबंदी का समर्थन करते हुए मांग की थी कि केंद्र सरकार पूरे देश में शराबबंदी भी करे।
लालू यादव के इस रुख से बिहार में गठबंधन की सरकार पर पिछले कई दिनों से उठ रहे सवाल पर अब विराम लग गया है। बिहार की गठबंधन की सरकार में दोनों बड़े दल राजद और जदयू नोटबंदी के मुद्दे पर एक ही सुर में बात कर रहे हैं।
नीतीश ने लालू की मौजूदगी में RJD विधायकों को संबोधित किया
नीतीश ने राजद संसदीय बैठक में मंगलवार देर शाम भाग लेते हुए 500 और 1000 नोट पर रोक लगाए जाने को लेकर अपने बयान के बारे में चर्चा की। राबडी देवी के आवास पर आयोजित राजद संसदीय बोर्ड की बैठक में भाग लेने मुख्यमंत्री के पहुंचने के समय पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद अपने पुत्र और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मौजूद थे।
राजद के कुछ विधायकों ने अपना नाम खुलासा नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि मुख्यमंत्री ने 500 और 1000 नोट पर रोक लगाए जाने को लेकर अपने बयान के बारे में सफाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सैद्धांतिक तौर पर विमुद्रीकरण का समर्थन करते हैं, पर वे इसके क्रियान्वयन के लिए उचित प्रबंध नहीं किए जाने की भी निंदा की है।
नीतीश ने नोटबंदी का समर्थन किए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात और प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत होने से संबंधित मीडिया रिपोर्ट को भी खारिज किया। उन्होंने राजद विधायकों से अपील की वे नोटबंदी को लेकर अपने सैद्धांतिक समर्थन को लेकर कुछ मीडिया संगठनों के बेबुनियाद खबरों से प्रभावित न हों।