देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी में विद्रोह करवाने के लिये भाजपा को दोषी ठहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं को समाप्त करने पर तुली है। रावत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उत्तराखंड में जिस तरह से पूरा राजनीतिक ड्रामा सामने आया है, वह इस बात का सबूत है कि भाजपा ने एक लोकतांत्रिक सरकार को गिराने की साजिश की।’
उन्होंने कहा कि जब राज्य विधानसभा का बजट सत्र चल रहा था तब भाजपा के प्रमुख नेता राज्य में डेरा डाले हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा ने हमारी पार्टी में विद्रोह करवाया, हमारे विधायकों को बस में भरकर राजभवन ले गये और वहां से जौलीग्रांट हवाई अडडे से एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली ले गए। रावत ने कहा कि उत्तराखंड में सियासी संकट पैदा करने में भाजपा की भूमिका के पर्याप्त सबूत हैं और कल सामने आये तथाकथित स्टिंग आपरेशन और राष्टपति शासन लगाने की धमकी भी उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य को दबाने का षडयंत्र है।
वहीं, कांग्रेस ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को आज लोकतंत्र की हत्या और असंवैधानिक करार दिया तथा कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार चुनी हुई सरकारों को गिराने पर उतार है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने उत्तराखंड में पार्टी की सरकार को हटाये जाने के संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा, यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भाजपा लोकतंत्र में भरोसा नहीं रखती।
गौरतलब है कि केंद्र ने एक विवादास्पद फैसले में उत्तराखंड में शासन की विफलता के आधार पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस में विद्रोह से उपजे संकट के बीच यह निर्णय लिया गया है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत घोषणा पर दस्तखत कर दिये जिसके साथ रावत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार बर्खास्त कर दी गयी और विधानसभा निलंबन में आ गयी। कैबिनेट ने कल रात यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आपात बैठक बुलाई थी। मोदी बैठक के लिए असम से अपनी यात्रा के बीच में से राजधानी लौटे थे।