Thursday, May 09, 2024
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'प्रणब को पीएम बनाने को तैयार नहीं थे राजीव'

नयी दिल्ली: वर्ष 1990 में वी पी सिंह सरकार के पतन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन चाहते थे कि प्रणव मुखर्जी प्रधानमंत्री बनें लेकिन राजीव गांधी कुछ और ही सोच रहे थे । यह

Bhasha Bhasha
Updated on: October 22, 2015 16:23 IST
'प्रणब को पीएम बनाने...- India TV Hindi
'प्रणब को पीएम बनाने को तैयार नहीं थे राजीव'

नयी दिल्ली: वर्ष 1990 में वी पी सिंह सरकार के पतन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन चाहते थे कि प्रणव मुखर्जी प्रधानमंत्री बनें लेकिन राजीव गांधी कुछ और ही सोच रहे थे ।

यह दावा कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और गांधी परिवार के वफादार रहे एम एल फोतेदार की किताब द चिनार लीव्ज में किया गया है। किताब में फोतेदार ने लिखा है कि 1990 में जब वी पी सिंह के इस्तीफे के संदर्भ में राजनीतिक स्थिति पर विचारविमर्श करने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति वेंकटरमन से मुलाकात की तो राष्ट्रपति ने जोर देते हुए उनसे कहा कि राजीव को मुखर्जी का समर्थन करना चाहिए।

फोतेदार ने लिखा है मैंने राष्ट्रपति वेंकटरमन से मुलाकात की और राजनीतिक स्थिति पर उनके साथ चर्चा की। मैंने उन्हें बताया कि वर्तमान हालात में केवल कांग्रेस पार्टी ही समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चल सकती है और एक मजबूत तथा स्थिर सरकार दे सकती है।

आगे उन्होंने लिखा है मैंने उनसे आग्रह किया कि वह अगली सरकार का नेतृत्व करने के लिए राजीव को आमंत्रित करें क्योंकि राजीव लोकसभा में अकेले सबसे बड़े दल के नेता थे। इस पर राष्ट्रपति ने मुझे जोर देते हुए कहा कि मुझे राजीव गांधी को यह बताना चाहिए कि अगर वह प्रधानमंत्री पद के लिए प्रणब मुखर्जी का समर्थन करते हैं तो वह :राष्ट्रपति: उसी शाम उन्हें पद की शपथ दिलाएंगे।

हार्पर कॉलिन्स द्वारा प्रकाशित यह किताब शीघ्र ही बाजार में आने वाली है। किताब में बताया गया है कि जब तक राजीव गांधी को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का विचार इंदिरा गांधी के दिमाग में नहीं आया था तब तक वह सोचती थीं कि मुखर्जी, पी वी नरसिंह राव और वेंकटरमन उनके बाद कांग्रेस पार्टी की बागडोर संभाल सकते हैं ।

फोतेदार इन दिनों कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं। उन्होंने किताब में लिखा है कि तत्कालीन राष्ट्रपति वेंकटरमन की प्रधानमंत्री पद के लिए निजी पसंद ने उन्हें हैरत में डाल दिया। आश्चर्य से उबरते हुए फोतेदार ने राष्ट्रपति से पूछा महोदय, यह कैसे किया जा सकता है। यह सुन कर राष्ट्रपति ने एक बार फिर पूरे अधिकार के साथ कहा कि उन्हें राजीव को उनकी पसंद के बारे में सूचित करना चाहिए।

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