Friday, April 26, 2024
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प्रज्ञा ठाकुर ने सदन में गोडसे पर दिए बयान पर मांगी माफी, इशारों में साधा राहुल पर निशाना

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज प्रज्ञा ठाकुर को प्रश्न काल के बाद सदन में बुलाने का संकेत दिया। सदन में कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने प्रज्ञा द्वारा नाथूरामद गोडसे से संबंधित विवादास्पद बयान का मुद्दा उठाया था।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 29, 2019 12:19 IST
लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बाद प्रज्ञा ठाकुर को सदन में बुलाने का दिया संकेत- India TV Hindi
लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बाद प्रज्ञा ठाकुर को सदन में बुलाने का दिया संकेत

नयी दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज प्रज्ञा ठाकुर को प्रश्न काल के बाद सदन में बुलाने का संकेत दिया। सदन में कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने प्रज्ञा द्वारा नाथूरामद गोडसे से संबंधित विवादास्पद बयान का मुद्दा उठाया था। लोकसभा अध्यक्ष ने प्रज्ञा का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा, ‘‘वह माननीय सांसद से 12 बजे सदन में आने को कहेंगे। प्रश्नकाल के बाद।’’ इससे पहले सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि राष्ट्रपित महात्मा गांधी खिलाफ इस तरह की टिप्पणी से हम सभी को ठेस पहुंची है, खासतौर पर आपको।

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उन्होंने कहा, “आप सदन के संरक्षक हैं। इस तरह की टिप्पणी से आसन की मर्यादा भी आहत होती है।“ समझा जाता है कि कांग्रेस नीत संप्रग गठबंधन बीजेपी सांसद के विवादास्पद बयान को लेकर सदन में निंदा प्रस्ताव पेश करेगी। 

इससे पहले गोडसे को एक बार फिर देशभक्त बताने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर मोदी सरकार ने एक्शन लेते हुए उन्हें रक्षामंत्रालय की संसदीय कमेटी से बाहर निकाल दिया। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह जानकारी दी। बताया जा रहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल के बाद ये ऐक्शन लिया गया है। इससे पहले जब उन्होंने गोडसे को देशभक्त बताया था तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वो उन्हें कभी माफ नहीं कर पाएंगे।

बता दें कि लोकसभा में प्रज्ञा ठाकुर ने तब विवाद खड़ा कर दिया जब द्रमुक सदस्य ए राजा अदालत के समक्ष नाथूराम गोडसे द्वारा दिये गए उस बयान को उद्धृत कर रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा। ठाकुर की टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिर्फ द्रमुक नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा। 

राजा ने कहा कि गोडसे ने स्वीकार किया था कि गांधी की हत्या का फैसला करने से पहले 32 सालों तक उसके मन में गांधी के प्रति द्वेष पनप रहा था। राजा ने कहा कि गोडसे ने गांधी को मारा क्योंकि वह एक खास विचारधारा में विश्वास रखता था। विपक्षी सदस्य जहां ठाकुर द्वारा टोकाटाकी के खिलाफ विरोध जता रहे थे वहीं भाजपा सदस्यों ने उनसे बैठ जाने का अनुरोध किया। 

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त करार दिया था जिसकी वजह से बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था। बाद में उन्होंने अपने बयान के लिये माफी मांग ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालांकि कहा था, “गांधीजी या नाथूराम गोडसे के बारे में टिप्पणी बेहद खराब और समाज के लिये बेहद गलत थी। उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन मैं उन्हें कभी भी मन से माफ नहीं कर पाउंगा।” 

विवादित नेता ने एक रोडशो में शामिल होने के दौरान कहा था, “नाथूराम गोडसे एक देशभक्त थे, हैं और एक देशभक्त रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्हें इन चुनावों में उचित जवाब दिया जाएगा।” वह अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन की उस टिप्पणी पर जवाब दे रही थीं कि स्वतंत्र भारत का पहला चरमपंथी एक हिंदू था। यह टिप्पणी उन्होंने गोडसे के संदर्भ में की थी।

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