Saturday, May 04, 2024
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भगवान राम पर BJP-सपा के बीच घमासान, विधायक रईस शेख बोले- स्कूलों का भगवाकरण करने की हो रही कोशिश

मुंबई के गार्डियन मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा है कि मुंबई में बीएमसी के सभी स्कूलों में 'प्रभु श्री राम' के जीवन पर स्पर्धाओं का आयोजन हो। इस पर सपा विधायक रईस शेख ने आपत्ति जताई है और कहा है कि ये स्कूलों के भगवाकरण की कोशिश है।

Reported By : Dinesh Mourya Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: December 16, 2023 16:22 IST
Clash between BJP and SP- India TV Hindi
Image Source : FACEBOOK सपा विधायक रईस शेख और मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा आमने सामने

मुंबई: महाराष्ट्र में भगवान राम के मुद्दे पर बीजेपी और सपा के नेताओं के बीच संग्राम छिड़ गया है। दरअसल महाराष्ट्र सरकार के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने आदेश दिया है कि मुंबई में बीएमसी के सभी स्कूलों में 'प्रभु श्री राम' के जीवन पर स्पर्धाओं का आयोजन हो। इस पर समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने ऐतराज जताते हुए कहा है कि सिर्फ एक ही धर्म के भगवान के बारे में स्पर्धा क्यों हो। मंत्री लोढ़ा बीएमसी को आदेश नहीं दे सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि स्कूलों का भगवाकरण करने की कोशिश हो रही है।

मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने क्या कहा?

मुंबई के गार्डियन मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा, '500 साल बाद भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। 22 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में उत्साह होगा। ऐसे में स्कूल के विद्यार्थियों को भगवान राम के बारे में पता चल सके, इसलिए प्रभु श्रीराम स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा। 1 जनवरी से 15 जनवरी तक बीएमसी के सभी स्कूलों में प्रभु श्रीराम के व्यक्तित्व, जीवन पर आधारित स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा। बच्चों की रुचि के अनुसार गायन स्पर्धा, निबंध स्पर्धा, चित्रकला सहित अन्य स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा।'

उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया के इस दौर में भगवान राम से जुड़ी जानकारी बच्चों तक पहुंचना बहुत जरूरी है। आज के बच्चों को भगवान राम के बारे में बहुत जानकारी नहीं है। बच्चे मिकी माउस से लेकर सभी कार्टून के बारे में जानते हैं लेकिन भगवान श्रीराम और उनके राम राज्य के बारे में बच्चों को जानकारी बहुत कम है। इसलिए सिर्फ यह एक प्रतियोगिता नहीं होगी बल्कि यह संस्कार होंगे, भारत की धरती, भारत के आध्यात्मिक इतिहास से जुड़े रहने की कोशिश है।'

उन्होंने कहा, 'भगवान राम सिर्फ राजा नहीं थे बल्कि वह आदर्श बेटे, आदर्श पति, आदर्श पिता, आदर्श भाई थे। भगवान राम की वजह से ही हम 'रामराज्य' की कल्पना करते हैं। भगवान राम के जीवन से जुड़ी इन्हीं तमाम बातों की जानकारी स्कूली विद्यार्थियों के होनी चाहिए। इस स्पर्धा में हिस्सा लेने के लिए विद्यार्थियों पर कोई दबाव नहीं है। स्वेच्छा से विद्यार्थी इस स्पर्धा में हिस्सा ले सकते हैं। भगवान राम को किसी एक धर्म से जोड़कर देखना उचित नहीं है। हर धर्म के लोग यही कहते हैं कि हमारे देश में रामराज्य आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनहित कार्यों के जरिए रामराज्य की शुरुआत कर दी है।'

उन्होंने कहा, 'भगवान राम के व्यक्तित्व से जुड़ी आदर्श बातें अगली पीढ़ी को पता चल सकें इसीलिए हम इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। भगवान राम की स्पर्धा से भगवाकरण होगा यह सोच गलत है। अगर कोई प्रभु यीशु या अल्लाह से जुड़ा कार्यक्रम करता है तो उस पर ऑब्जेक्शन नहीं लिया जाएगा।'

सपा विधायक रईस शेख ने क्या कहा?

रईस शेख ने कहा, 'नियम के तहत बीएमसी के स्कूल में किसी भी धर्म के बारे में बच्चों को पढ़ाया नहीं जा सकता है। बीएमसी के 227 पार्षदों ने पहले ही मिलकर तय किया था कि शिक्षा क्षेत्र से धर्म को दूर रखना है। मंत्री लोढ़ा बीएमसी को कोई आदेश नहीं दे सकते हैं, उनके पास इसका अधिकार ही नहीं है। बतौर जनप्रतिनिधि वह सिर्फ बीएमसी को विनती कर सकते हैं लेकिन आदेश देने का हक उनके पास नहीं है। मंत्री लोढ़ा का काम सिर्फ बीएमसी के साथ कोऑर्डिनेशन करना है।'

रईस ने कहा, 'बीएमसी के स्कूलों में कई और धर्म के बच्चे भी पढ़ते हैं। बच्चों को किस भगवान के बारे में पढ़ना है यह उनके माता-पिता तय करेंगे नाकि मंत्री। लोढ़ा का यह आदेश एक तरह से स्कूलों का भगवाकरण करने की कोशिश है। मंत्री लोढ़ा इस आदेश के जरिए राजनीति कर रहे हैं। नियम के तहत बीएमसी के स्कूलों में किसी भी तरह की धार्मिक चीजों को नहीं किया जा सकता है। इसको लेकर बाकायदा नियम बने हुए हैं।'

रईस ने कहा, 'अगर मंगल प्रभात लोढ़ा में दम है तो वह पूरे राज्य में इसे लागू करके दिखाएं। वो सिर्फ मुंबई में ही क्यों कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें मुंबई में चुनाव लड़ना है। धर्म निजी आस्था है। हम सभी की आस्था का सम्मान करते हैं लेकिन आप अपनी धार्मिक आस्था को घर पर रखिए। लोढ़ा एक धर्म की आस्था को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। बीएमसी के स्कूलों में शिक्षा का भगवाकरण करना बीजेपी की बहुत पुरानी मंशा है। बीएमसी के स्कूलों में आने वाले बच्चे सभी धर्म के हैं। यह बच्चे अभी सभी धर्म के बारे में सीख रहे हैं। ऐसे में इन बच्चों पर किसी एक धर्म का दबाव डालना उचित नहीं है। मंत्री के इस फैसले के खिलाफ हम आवाज उठाएंगे। मैं खुद बाकायदा मुख्यमंत्री को पत्र लिखूंगा, विधानसभा में यह मुद्दा उठाऊंगा।'

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