Wednesday, May 15, 2024
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गुलाम नबी आजाद ने दिए राजनीति से संन्यास लेने के संकेत, दिया इमोशनल बयान

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद अपने बयान से फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वह जी-23 ग्रुप के कांग्रेस पार्टी से जुड़े बयानों के लिए नहीं, बल्कि राजनीति पर दिए गए बयानों से चर्चा में हैं। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 21, 2022 13:19 IST
Ghulam nabi azad- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO Ghulam nabi azad

जम्मू-कश्मीर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद अपने बयान से फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वह जी—23 ग्रुप के कांग्रेस पार्टी से जुड़े बयानों के लिए नहीं, बल्कि राजनीति पर दिए गए बयानों से चर्चा में हैं। उनके बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि वे कभी भी राजनीति से संन्यास लेने का मन बना सकते हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को सोमवार को  पद्मभूषण सम्मान राष्ट्रपति भवन में दिया जाएगा। इस उपलब्धि पर गुलाम नबी आजाद को सम्मानित करने के लिए रविवार को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और वरिष्ठ वकील एमके भारद्वाज की तरफ से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें बोलते हुए उन्होंने कहा, 'हमको समाज में बदलाव लाना है। कभी-कभी मैं सोचता हूं, और कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक आप सुनें कि मैं रिटायर हो गया हूं और समाजसेवा में लग गया हूं।' गुलाम नबी आजाद यहां 35 मिनट तक बोले, लेकिन उन्होंने यह पहले ही बता दिया था कि राजनीति पर नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि, 'भारत में राजनीति इतनी खराब हो गई है कि कई बार शक होता है कि क्या हम इंसान हैं।'

'कभी-कभी संदेह होता है कि हम इंसान हैं या नहीं'

गुलाम नबी ने राजनीति पर कहा कि, "सभी दल लोगों के बीच विभाजन पैदा करते हैं। इन दलों में कांग्रेस भी शामिल है। राजनीतिक दल धर्म, जाति के आधार पर लोगों के बीच, 24x7 विभाजन पैदा करने के लिए काम करते हैं। राजनीतिक दलों ने लोगों को क्षेत्र, इलाका, गांव, शहरों, हिंदू और मुस्लिम, शिया और सुन्नियों, दलित और गैर-दलित, पिछड़े वर्गों में बांट रखा है. भारत में आज के समय में राजनीति इतनी बदसूरत हो गई है कि कभी-कभी संदेह होता है कि हम इंसान हैं या नहीं।"

एक कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद ने जो कहा, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कभी भी राजनीति से संन्यास ले सकते हैं। बता दें कि हाल ही में गुलाम कांग्रेस के जी-23 नेताओं की बैठक के दौरान भी काफी चर्चा में थे। उन्हें कांग्रेस के बागी नेताओं का अगुवा तक बताया गया था।

जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अगुवा रहे गुलाम नबी 

गुलाम नबी आजाद वर्ष 1973 में कांग्रेस के सदस्य के तौर सक्रिय राजनीति में उतरे। वर्ष 1973-1975 में वह ब्लेस्सा कांग्रेस समिति के ब्लॉक सचिव रहे। वर्ष 1975 में वह जम्मू-कश्मीर युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और फिर 1977 में डोडा जिले के कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए। जल्द ही वह अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव भी बन गए। वर्ष 1982 में गुलाम नबी आजाद ने पहले केन्द्रीय उपमंत्री के तौर पर कानून, न्याय और कंपनी मामलों का मंत्रालय संभाला। वर्ष 1985 में गुलाम नबी आजाद गृह राज्य मंत्री बने। पीवी नरसिंह राव सरकार में गुलाम नबी आजाद ने संसदीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री और बाद में पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री का चार्ज संभाला। वह मनमोहन सिंह सरकार में भी मंत्री रहे। 2007 में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री चुने गए।

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