Monday, April 29, 2024
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नया संसद भवन गोल आकार में क्यों नहीं? क्यों है त्रिकोणीय, जानें वजह

संसद के विशेष सत्र की कार्यवाही आज से नई संसद में होगी। नए संसद भवन को केंद्र की मोदी सरकार ने सेंट्रल विस्टा योजना के तहत बनवाया है। इसे बनाने में 971 करोड़ की रकम खर्च हुई है।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: September 19, 2023 11:42 IST
नया संसद भवन- India TV Hindi
Image Source : PTI नया संसद भवन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। संसद का विशेष सत्र चल रहा है और आज से कार्यवाही नई संसद में ही होगी। बेहद भव्य और त्रिकोणीय आकार में बने इस नए संसद भवन में कई विशेषताओं के साथ उत्कृष्ट कलाकृतियों का समागम है। इस नई बिल्डिंग को बनाने में 971 करोड़ की रकम खर्च हुई है, जो भारत की प्रगति का प्रतीक है। नए संसद भवन को केंद्र की मोदी सरकार ने सेंट्रल विस्टा योजना के तहत बनवाया है। ऐसे में ये सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है। 

नई संसद त्रिकोणीय आकार का क्यों?

मौजूदा संसद भवन और नए संसद भवन को देखें तो दोनों में कई अंतर हैं, लेकिन सबसे बड़ा अंतर आकार में है। पुराना संसद भवन  गोलाकार आकार का है। हालांकि, नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का है। ऐसा क्यों? इसे लेकर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की वेबसाइट पर बताया गया है कि त्रिकोणीय आकार कम से कम स्थान के इस्तेमाल के सुनिश्चित करने के लिए है। नए संसद भवन को 64500 वर्ग फुट इलाके में बनाया गया है। कोरोना काल से पहले ये बनना शुरू हुआ था। इससे पहले 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। इसके बाद उन्होंने 'सेंगोल' को लोकसभा कक्ष में स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया था। 

संसद भवन की नई बिल्डिंग

Image Source : PTI
संसद भवन की नई बिल्डिंग

अब दोनों सदनों में होंगी इतनी सीटें

नए संसद परिसर में पहले से काफी ज्यादा सुविधाएं और हाईटेक व्यवस्था है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की वेबसाइट में कहा गया है कि नई संसद के पूरे परिसर और दफ्तरों को 'अल्ट्रा-मॉडर्न' के तौर पर डिजाइन किया गया है। यहां पहले से ज्यादा बड़े विधायी कक्ष होंगे। राष्ट्रीय पक्षी मोर की आकृति पर बनी नई लोकसभा में 888 सीटों की व्यवस्था की गई है, जबकि राष्ट्रीय फूल कमल की आकृति पर बनी राज्यसभा में 348 सीटें होंगी। वहीं संयुक्त सत्र के लिए 1,272 सीटों वाला हॉल बनाया गया है। नए संसद भवन में सुरक्षा की पहले से ज्यादा मजबूत व्यवस्था की गई है। नए संसद भवन के 4 दरवाजे बनाए गए हैं। 

नई संसद की जरुरत क्यों पड़ी?

पुराना संसद भवन 100 साल पुराना हो गया है। ये भूकंप जैसी आपदा के समय खतरनाक भी हो सकता है। इसके मद्देनजर नए संसद भवन को भूकंपरोधी बनाया गया है और ये सैकड़ों साल टिका रहेगा। पुराने संसद भवन को म्यूजियम बनाए जाने का प्लान है। 

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