Wednesday, April 24, 2024
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अखाड़ा परिषद ने परशुराम को लेकर राजनीति की आलोचना की, कहा- वह विष्णु के अवतार माने जाते हैं

साधु संतों का सर्वोच्च निकाय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) ने ब्राह्मणों को लुभाने के लिए परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही घोषणाओं का कड़ा विरोध किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 11, 2020 13:26 IST
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Image Source : PTI FILE परशुराम को लेकर राजनीति पर पर बरसते हुए अखाड़ा परिषद ने कहा कि देवी-देवताओं को किसी भी जाति से जोड़ने का प्रयास गलत है।

प्रयागराज: साधु संतों का सर्वोच्च निकाय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) ने ब्राह्मणों को लुभाने के लिए परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही घोषणाओं का कड़ा विरोध किया है। परिषद ने कहा कि देवी-देवताओं को किसी भी जाति से जोड़ने का प्रयास गलत है। ABAP के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, ‘यह सनातन धर्म और हिंदू समाज को कमजोर करने की एक साजिश है। देवी और देवता सभी के लिए समान हैं और उन्हें किसी जाति विशेष से जोड़ने का कोई भी प्रयास गलत है।’

‘लोगों को एकजुट होना चाहिए’

महंत गिरी ने कहा, ‘महर्षि परशुराम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और वे सिर्फ ब्राह्मण आइकन नहीं है।’ उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उन ताकतों से प्रभावित न हो जो समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘लोगों को एकजुट होना चाहिए और समाज को विभाजित करने वाली ताकतों का विरोध करना चाहिए ताकि सनातन धर्म की परंपराएं संरक्षित रहें। अखाड़ा परिषद सनातन समाज को विभाजित करने वाली ताकतों का पुरजोर विरोध करेगा और लोगों के बीच एक अभियान शुरू करेगा।’

‘सनातन धर्म ने हासिल की सबसे बड़ी जीत’
गिरि ने कहा कि सनातन धर्म ने अपनी सबसे बड़ी जीत हासिल की है और 500 साल के संघर्ष के बाद अब जाकर अयोध्या में भगवान राम का एक भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। उन्होंने बयान दिया, ‘ऐसा लगता है कि कुछ लोग इस विकास से खुश नहीं हैं और अपने राजनीतिक लाभ के लिए देवताओं को जाति की सीमाओं के साथ विभाजित कर रहे हैं। हम हिंदू समाज को कमजोर करने की कोशिश कर रही इन ताकतों को करारा जवाब देंगे।’

सपा-बसपा ने की थी प्रतिमा लगाने की बात
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने 7 अगस्त को लखनऊ में परशुराम की 108 फुट ऊंची प्रतिमा लगाने की योजना की घोषणा की थी। इसके दो दिन बाद ही बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी परशुराम की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करेगी और उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर ब्राह्मण आइकन के नाम पर एक आधुनिक अस्पताल और सामुदायिक केंद्र का भी निर्माण करेगी। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाने वाले परशुराम ब्राह्मण आइकन भी हैं।

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