Thursday, March 28, 2024
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उन्नाव रेप पीड़िता की हालत में सुधार, लखनऊ में ही होगा इलाज; मां का दिल्ली आने से इनकार

पीड़ित को मुआवज़ा देने की लिए आज तक की मोहलत थी लेकिन लखनऊ के डीएम गुरुवार की रात को ही 25 लाख के मुआवज़े का चेक लेकर उस अस्पताल में पहुंच गए जहां पीडित भर्ती हैं। पीड़ित लड़की ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें यूपी पुलिस पर यकीन नहीं है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित लड़की और उसके परिवार और वकील की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवानों को लगाने के निर्देश दिए।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 02, 2019 12:37 IST
उन्नाव रेप पीड़िता की हालत में सुधार, डेडलाइन से पहले किया गया 25 लाख के मुआवज़े का भुगतान- India TV Hindi
उन्नाव रेप पीड़िता की हालत में सुधार, डेडलाइन से पहले किया गया 25 लाख के मुआवज़े का भुगतान

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब उन्नाव की रेप पीड़िता को इंसाफ की उम्मीद जगी है। कोर्ट के सख्त तेवर देखते हुए सकारी मशीनरी हरकत में आई है और आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी। इस बीच लखनऊ में किंग जॉर्ज अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर के मीडिया इंचार्ज ने बताया है की पीड़िता और उनके वकील की हालत में सुधार हो रहा है। अब उन्हें वेंटिलेटर से हटाने की तैयारी चल रही है। वहीं पीड़ित की सुरक्षा के लिए अस्पताल के बाहर सीआरपीएफ तैनात हो चुकी है। वहीं पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली आने से इनकार कर दिया है। पीड़िता की मां ने कहा कि लखनऊ में अब तक के इलाज से वो खुश है। वहीं पीड़ित के चाचा को रायबरेली से दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जाएगा। सुरक्षा की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है।

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बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त रूख दिखाया और उन्नाव रेप कांड और उससे जुड़े सभी केसों को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया। इसके साथ-साथ इस केस में ट्रायल 45 दिन में पूरा करने का आदेश भी दिया। एक जज रोज़ इस केस पर सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वो सड़क हादसे की जांच एक हफ्ते में पूरी करे।

कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर पीड़ित का परिवार चाहे तो लड़की और वकील को इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया जा सकता है। इसके साथ ही पीड़िता के परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा देने का निर्देश दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया कि पीड़ित को 25 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए जिसका भुगतान डेडलाइन से पहले ही कर दिया गया है।

पीड़ित को मुआवज़ा देने की लिए आज तक की मोहलत थी लेकिन लखनऊ के डीएम गुरुवार की रात को ही 25 लाख के मुआवज़े का चेक लेकर उस अस्पताल में पहुंच गए जहां पीडित भर्ती हैं। पीड़ित लड़की ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें यूपी पुलिस पर यकीन नहीं है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित लड़की और उसके परिवार और वकील की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवानों को लगाने के निर्देश दिए। 

सीआरपीएफ जवानों का खर्चा भी परिवार को नहीं उठाना पड़ेगा और सीआरपीएफ की गाड़ी में ही परिवार को ले जाया जाएगा। इस बीच किरकिरी होने के बाद यूपी पुलिस ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा में लापरवाही बरतने के मामले में तीन कॉस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले गुरुवार को सीबीआई की टीम भी अस्पताल पहुंची थी पीड़िता और उनके वकील की तबीयत की जानकारी लेने के लिए। 

सीबीआई उस जगह पर जाकर भी जांच कर चुकी है जहां पर ट्रक ने कार को टक्कर मारी थी। सीबीआई को साफ निर्देश है कि वो सात दिन के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल करें और 45 दिन के अंदर इसका ट्रायल पूरा कर दिया जाय। आज सुप्रीम कोर्ट में फिर इस मामले की सुनवाई होगी जहां यूपी सरकार कोर्ट को बताएगी कि पीड़िता को इलाज के लिए दिल्ली लाया जा रहा है या नहीं। साथ ही ये भी बताना होगा कि उसने अब तक इस केस में क्या क्या किया है।

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