Friday, April 26, 2024
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दारुल उलूम का नया फरमान, सिर्फ छुट्टियों के दिन ही शादियों में शामिल हों छात्र

मौलाना हुसैन ने कहा कि छात्रों को साल के बीच में छुट्टी लेने से बचना चाहिए, क्योंकि फिर साल के आखिर में जब हाजिरी काउंट की जाती है, तो सभी छुट्टियां गैर-हाजिर रहने में शामिल होती हैं।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published on: November 20, 2022 14:50 IST
दारुल उलूम देवबंद- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO दारुल उलूम देवबंद

इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम ने छात्रों के लिए नया फरमान जारी किया है। इसके तहत देवबंद के दारुल उलूम के छात्र अब से अपने परिवार में होने वाली शादियों और अन्य कार्यक्रमों में तभी शामिल हो सकेंगे, जब समारोह ऐसे समय में हो जब मदरसा बंद हो। दारुल उलूम ने छात्रों के परिवारों को सलाह दी है कि वे शादी की योजना तभी बनाएं, जब मदरसा छुट्टियों के लिए बंद हो।

शिक्षा विभाग के प्रमुख हुसैन अहमद ने कहा, "अगर परिवारों को लगता है कि शादी में छात्रों का मौजूद होना जरूरी है, तो उन्हें शादियों की योजना तभी बनानी चाहिए जब मदरसा छुट्टियों के चलते बंद हो, अन्यथा यह उनकी पढ़ाई को काफी प्रभावित कर सकता है। यहां कम से कम 75 फीसदी हाजिरी जरूरी है।" 

75 प्रतिशत हाजिरी रहना अनिवार्य

मौलाना हुसैन ने कहा कि छात्रों को साल के बीच में छुट्टी लेने से बचना चाहिए, क्योंकि फिर साल के आखिर में जब हाजिरी काउंट की जाती है, तो सभी छुट्टियां गैर-हाजिर रहने में शामिल होती हैं, जबकि साल में 75 प्रतिशत हाजिरी रहना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि छात्र ईद के बाद बकरीद के मौके पर या फिर रमजान माह से पहले शादियां करने की सलाह घरवालों को दें, क्योंकि शादियों की वजह से लगातार गैर-हाजिर रहने से छुट्टी करने वाले छात्र पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं। साथ ही उनका मन भी पढ़ाई से हटने लगता है।

अभिभावकों के साथ चर्चा करने को कहा गया

आदेश मदरसा बुलेटिन बोर्ड पर लगा दिया गया है। छात्रों को अपने अभिभावकों के साथ निर्देशों के पीछे शैक्षणिक कारणों पर चर्चा करने के लिए भी कहा गया है। शिक्षा विभाग ने पहले एक आदेश जारी कर छात्र को किसी भी व्यावसायिक गतिविधि या पार्ट-टाइम बिजनेस को करने से रोक दिया था, अन्यथा शिक्षा अनुदान, मुफ्त भोजन और आवास जैसी सुविधाएं तुरंत निलंबित कर दी जाएंगी और उन्हें मदरसा से निष्कासन का सामना भी करना पड़ सकता है।

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