Thursday, May 16, 2024
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नवरात्र में फूड पॉयजनिंग से बचना है, तो अपनाएं ये उपाय

नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्र के दौरान नौ दिन का व्रत क्यों रखा जाता है? व्रत रखने से शरीर के पाचनतंत्र को आराम मिलता है और शरीर का शुद्धिकरण भी हो

IANS IANS
Updated on: October 17, 2015 19:05 IST

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व्रत के समय इन बातों का रखें ध्यान

  • सिंघाड़े के आटे का इस्तेमाल करें। सिंघाड़ा अनाज नहीं, बल्कि फल होता है जिसे सूखे हुए सिंघाड़ों से बनाया जाता है, इसलिए इसे नवरात्र में अनाज की जगह प्रयोग किया जा सकता है। प्रति 100 ग्राम में यह 115 कैलोरी देता है, इसलिए यह ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है।
  • पानी में पलने वाली सिंघाड़े की बेल में विशेष आकार के फल लगते हैं। फल या मेवे को उबाल कर या कच्चे ही स्नैक्स की तरह खाया जा सकता है।
  • सिंघाड़े का आटा बनाने से पहले इसे उबाल कर, छीलकर और सुखा कर बनाया जाता है। इस वजह से इसके दूषित होने की संभावना नहीं बचती।
  • सिंघाड़ों में काबरेहाइड्रेट्स की शुद्ध मात्रा बहुत कम होती है। इसे कम कार्बोहाइड्रेट्स वाली कई खुराकों में शामिल किया जाता है। इसमें आम मेवों जैसी चर्बी भी नहीं होती। इनमें सफेद आटे की तुलना में भी कम कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं।
  • सिंघाड़ा के आटे से बनने वाली तली हुई पूरियां या परांठे से परहेज करें।
  • अच्छे ब्रांड का उच्च गुणवत्ता का आटा ही लें, पिछले साल के बचे हुए आटे से फूड पॉयजनिंग हो सकती है।
  • सिंघाड़े की रोटी बनाते वक्त उच्च ट्रांस फैट वाला तेल प्रयोग न करें।
  • जितने ज्यादा हो सकें फल खाएं, व्रत रखने वालों के लिए फल सबसे बेहतर विक्लप होते हैं।
  • शरीर में पानी की उचित मात्रा बनाए रखने के लिए पानी और फलों का रस अत्यधिक मात्रा में पीते रहें।

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