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CM मोहन यादव ने बदला बाबा महाकाल की 'शाही सवारी' का नाम, अब ये होगी नई पहचान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव एक के बाद एक कई बड़े फैसले ले रहे हैं। अब सीएम ने साधु-संतों की मांग को मानते हुए उज्जैन में बाबा महाकाल शाही सवारी का नाम बदलने की घोषणा की है।

Reported By : Anurag Amitabh Edited By : Subhash Kumar Published : Sep 05, 2024 12:22 IST, Updated : Sep 05, 2024 13:01 IST
महाकाल की शाही सवारी को मिला नया नाम। - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA महाकाल की शाही सवारी को मिला नया नाम।

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने बड़ा फैसला किया है। उज्जैन में बाबा महाकाल की सावन के महीने में सोमवार को निकलने वाली शाही सवारी के शाही शब्द को हटा दिया गया है। आपको बता दें कि साधु संतों ने मांग की थी कि शाही शब्द इस्लामी साम्राज्य से जुड़ा है इसलिए इसे बदला जाना चाहिए। अब साधु-संतों की इस मांग को मान लिया गया है। आपको बता दें कि उज्जैन के महाकाल में शाही सवारी सिंधिया राजघराने के समय से निकलती आ रही है। 

राजसी सवारी होगी नई पहचान

उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की सावन के सोमवार को निकलने वाली शाही सवारी का नाम बदल दिया गया है। साधु संतों की मांग के बाद मोहन यादव ने शाही सवारी का नाम बदलकर राजसी सवारी कर दिया है। सरकार के मंत्री, केंद्रीय मंत्री और विधायकों ने नए नाम का समर्थन किया है। इससे पहले शाही सवारी निकालने के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उज्जैन पहुंचे थे और कहा था बाबा महाकाल की आखिरी राजसी सवारी निकल रही है, यह सवारी नहीं बाबा का सीधा जनता के साथ सरोकार है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजसी सवारी लिखे हुए मेसेज आने लगे थे। 

जानें राजसी या शाही सवारी के बारे में

महाकाल की नगरी उज्जैन में शाही सवारी का काफी महत्व है। हर साल सावन महीने में सोमवार को बाबा महाकाल नगर के भ्रमण पर निकलते हैं। इसे ही शाही सवारी कहा जाता है। इसके अलावा भादो के भी दो सोमवार को उनकी यात्रा निकलती है और इसी भादो माह के दूसरे सोमवार को उनकी आखिरी यात्रा शाही यात्रा कहलाती है। तकरीबन 1100 साल पुरानी इस शाही यात्रा के बारे में बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य के सपने में महाकालेश्वर आए थे। इसके बाद राजा विक्रमादित्य ने महाकालेश्वर को उज्जैन का सबसे बड़ा राजा मानते हुए प्राकृतिक आपदाओं से बचाने और शांति व्यवस्था के लिए प्रजा का हाल जानने के लिए महाकाल की शाही सवारी निकलना शुरू की। इसी शाही सवारी के जरिए उज्जैन में राजा महाकालेश्वर प्रजा का हाल जानने निकलते हैं।

कांग्रेस क्या बोली?

हालांकि, कांग्रेस को महाकाल की शाही सवारी का नाम बदले जाने का निर्णय रास नहीं आ रहा है। इंडिया टीवी से बात करते हुए पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा भाजपा सिर्फ ध्यान भटकने के लिए ऐसे निर्णय लेती है। अगर नाम बदलना है तो अमित शाह का भी नाम बदलें। इन्हीं कर्म से अयोध्या नासिक बीजेपी के हाथ से गया है। 

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