Saturday, December 27, 2025
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इंदौर में ‘संथारा’ के बाद 3 साल की लड़की की मौत, बाल आयोग ने इस मामले में बैठाई जांच, जानिए क्या बोली पुलिस?

जैन धर्म की इस प्राचीन प्रथा के तहत कोई व्यक्ति अपने अंतिम समय का आभास होने पर मृत्यु का वरण करने के लिए अन्न-जल और सांसारिक वस्तुएं त्याग देता है। इंदौर में तीन साल की बच्ची के माता-पिता ने ऐसा ही किया और मासूम की मौत हो गई।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : May 06, 2025 07:20 pm IST, Updated : May 06, 2025 07:24 pm IST
संथारा से तीन साल की बच्ची की मौत- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA संथारा से तीन साल की बच्ची की मौत

मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इंदौर में ‘ब्रेन ट्यूमर’ से जूझ रही तीन वर्षीय लड़की को ‘संथारा’ व्रत ग्रहण कराए जाने के बाद उसकी मौत के मामले पर संज्ञान लिया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जिला प्रशासन को निष्पक्ष जांच का आदेश दिया है। मालूम हो कि संथारा, जैन धर्म की प्राचीन प्रथा है, जिसका पालन करने वाला व्यक्ति स्वेच्छा से अन्न-जल, दवाएं और अन्य सांसारिक वस्तुएं छोड़कर प्राण त्यागने का फैसला करता है।

बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत लिया गया संज्ञान

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कहा कि इस निकाय ने इंदौर में तीन साल की बच्ची को 'संथारा' व्रत ग्रहण कराए जाने के बाद उसकी मौत की घटना का बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 के संबद्ध प्रावधानों के तहत संज्ञान लिया है। 

जिलाधिकारी को भेजा गया नोटिस

ओंकार सिंह ने कहा कि यह संज्ञान मीडिया की खबरों के आधार पर लिया गया है। उन्होंने कहा, 'आयोग ने इंदौर के जिलाधिकारी को नोटिस जारी करके कहा है कि मामले से जुड़े सभी पक्षों की निष्पक्ष जांच जल्द कराई जाए और नियमानुसार आवश्यक कदम उठाकर आयोग को इसकी रिपोर्ट भेजी जाए।' 

मासूम के लिए कैसे मिली सहमति

सिंह ने कहा कि आयोग खासतौर पर यह जानना चाहता है कि तीन साल की अबोध बच्ची ‘संथारा’ के लिए कैसे अपनी सहमति दे सकती है? इस बच्ची की मौत के बाद कानूनी और सामाजिक हलकों में 'संथारा' को लेकर फिर बहस शुरू हो गई है। 

पुलिस ने कहा- नहीं दर्ज हुई शिकायत

इस बीच, इंदौर के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने कहा कि शहर में तीन वर्षीय बच्ची को 'संथारा' व्रत ग्रहण कराए जाने के बाद उसकी मौत के मामले में पुलिस को फिलहाल कोई भी शिकायत नहीं मिली है। ‘संथारा’ व्रत से प्राण त्यागने वाली लड़की के माता-पिता सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के पेशेवर हैं। उनका कहना है कि उन्होंने 21 मार्च की रात एक जैन मुनि की प्रेरणा से अपनी इकलौती संतान को यह व्रत दिलाने का फैसला ऐसे वक्त लिया, जब वह ब्रेन ट्यूमर के कारण बेहद बीमार थी और उसे खाने-पीने में भी दिक्कत हो रही थी। 

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

लड़की के माता-पिता के मुताबिक जैन मुनि द्वारा 'संथारा' के धार्मिक विधि-विधान पूरे कराए जाने के चंद मिनटों के भीतर उनकी बेटी ने प्राण त्याग दिए थे। उन्होंने यह भी बताया कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उनकी बेटी के नाम विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र जारी किया है जिसमें उसे 'जैन विधि-विधान के मुताबिक संथारा व्रत ग्रहण करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की शख्स' बताया गया है। (भाषा के इनपुट के साथ)

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