Tuesday, December 09, 2025
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मध्य प्रदेश के इस जिले में बच्चों को पढ़ाई जा रही क से काबा, म से मस्जिद न से नमाज, स्कूल में हंगामा

रायसेन के एक निजी स्कूल में नर्सरी के बच्चों को क से काबा, म से मस्जिद और न से नमाज पढ़ाया जा रहा है। मामले की जानकारी लगते ही अभिभावकों और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Aug 09, 2025 11:13 am IST, Updated : Aug 09, 2025 11:16 am IST
नर्सरी की किताब- India TV Hindi
Image Source : REPORTER INPUT नर्सरी की किताब

रायसेन। मध्य प्रदेश में रायसेन के जिले में एक प्राइवेट स्कूल में मासूम बच्चों को क से काबा, म से मस्जिद, न से नमाज और औ से औरत हिजाब में पढ़ाया जा रहा है। ये सारी चीजें नर्सरी की किताब में छपाई गई हैं। शहर के एक निजी स्कूल में नर्सरी के बच्चों को पढ़ाए जा रहे शब्दों पर बच्चों के अभिभावकों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है। लोगों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की और स्कूल की मान्यता रद्द किए जाने की मांग जिला शिक्षा अधिकारी से की है। 

स्कूल के खिलाफ परिजनों का फूटा गुस्सा

दअरसल शहर के एक कॉन्वेंट स्कूल में नर्सरी के बच्चों को 'क से काबा', 'म से मस्जिद', 'न से नमाज' और 'औ से औरत हिजाब में थी' जैसे शब्द पढ़ाए जा रहे थे। इस बात को लेकर शुक्रवार को परिजन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने स्कूल में हंगामा कर दिया। बच्चों के अभिभावकों और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इस सामग्री को सनातन संस्कृति के खिलाफ बताया। 

एबीवीपी ने की जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत

वहीं स्कूल की प्राचार्य ने कहा कि म से मस्जिद के साथ म से मंदिर भी पढ़ाया जा सकता है। यह सुनकर एबीवीपी कार्यकर्ता भड़क गए। कार्यकर्ताओं ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को फोन पर शिकायत दर्ज कराई। हंगामे की सूचना मिलने पर थाना कोतवाली टीआई नरेंद्र गोयल मौके पर पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को थाने और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन देकर औपचारिक शिकायत करने की सलाह दी। 

कैसे खुला मामला

यह मामला तब सामने आया जब स्कूल की नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा के परिजन ने उसकी किताबें देखी। उन्होंने 'औ से औरत हिजाब में थी' पढ़ने के बाद अन्य शब्दों पर ध्यान दिया। इसमें 'क से कबूतर' की जगह 'क से काबा', 'म से मस्जिद' और 'न से नमाज' लिखा था। इस पर परिजनों ने आपत्ति जताई। 

हिंदू संस्कृति के खिलाफ षडयंत्र: पटेल

स्कूल में प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक अश्विनी पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह हिंदू संस्कृति और सनातन परंपरा के खिलाफ एक षड्यंत्र है। पटेल ने कहा कि छोटे बच्चों को इस तरह की सामग्री पढ़ाकर भ्रमित किया जा रहा है। हमने तो बचपन में 'क से कबूतर' और 'म से मछली' पढ़ा था। यह बदलाव किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।

प्राचार्य ने मानी गलती कहा मैंने नहीं देखा 

स्कूल की प्राचार्य ईए कुरैशी ने गलती मानते हुए कहा कि मैं गलती मान रही हूं फिर प्रदर्शन क्यों किया जा रहा है। प्राचार्य ने कहा कि उन्होंने किताब की सामग्री पहले नहीं जांची थी। यह 'पट्टी पहाड़ा' भोपाल से मंगवाया गया था। इसका उपयोग केवल एक ही छात्र के लिए किया गया था। प्राचार्य ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। वे 30 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं।

डीईओ बोले मान्यता रद्द करने के लिए पत्र लिखेंगे

जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक का कहना है कि इस टाइप का कोई पट्टी पहाड़ा है तो उसे जप्त कर जांच कराई जाएगी। स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए जेडी को पत्र लिखेंगे।

अम्बुज माहेश्वरी, रायसेन

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