Friday, April 19, 2024
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ED ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ चार्जशीट में बताया-अवैधानिक गतिविधियों से कमाई राशि से चलता था 13 कंपनियों का कारोबार

ED Chargsheet Against Anil Desmukh: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही ED ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि अनिल देशमुख ने 1992 से लेकर अब तक अपने पद का गलत फायदा उठाया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 04, 2022 6:55 IST
Anil Deshmukh, Former Home Minister Maharashtra- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Anil Deshmukh, Former Home Minister Maharashtra

ED Chargsheet Against Anil Desmukh: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही ED ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि अनिल देशमुख ने 1992 से लेकर अब तक अपने पद का गलत फायदा उठाया। कई गलत तरीके से पैसे कमाई और प्रॉपर्टी बनाई, कई कंपनियां भी बनाई। चार्जशीट में बताया गया कि अवैधानिक तरीके से कमाए गए पैसों का इस्तेमाल से उनकी बनाई गई 13 कंपनियों में कारोबार चलता था। जिसके मालिक अनिल देशमुख के बेटे हृषिकेश देशमुख,सलिल देशमुख या इनके करीबी थे। चार्जशीट में बताया गया कि अनिल देशमुख ने अपने साथ कई सरकारी कर्मचारियों को भी साथ जोड़ा और उनसे काम करवाया।

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री पर ED ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग पर अपना प्रभाव बना कर रखते थे। गृहमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अनिल देशमुख महाराष्ट्र पुलिस अधिकारियों का कहां ट्रांसफर होना है इसके नाम वाली लिस्ट भेजा करते थे।

यह लिस्ट अनऑफिशियली होती थी जिसका कोई भी रिकॉर्ड इस समय उपलब्ध नहीं है। ऐसी कोई सरकारी गाइडलाइन भी नहीं है जिसके आधार पर यह अनऑफिशियली लिस्ट बनाई जाए।  अनिल देशमुख खुद या फिर अपने PA संजीव पलांडे के जरिए अनऑफिशियली लिस्ट एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को भेजा करते थे। एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी ही पुलिस स्टेबलिशमेंट बोर्ड के हेड थे।

इसी सवाल पर अनिल देशमुख ने अपने बयान में बताया कि उनको इस तरह की कोई भी लिस्ट किसी और ने नहीं दी है। देशमुख ने आगे बताया कि उनको कैबिनेट मिनिस्टर अनिल परब ने ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर अधिकारियों के नाम वाली एक अनऑफिशियली लिस्ट दी थी, जिस पर किसी के हस्ताक्षर नहीं थे। देशमुख ने बताया कि हो सकता है अनिल परब को उनकी पार्टी शिवसेना से जुड़े MLA या MLC से पुलिस अधिकारियों की लिस्ट मिली हो, जिसको उन्होंने मुझे दिया था।

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