Thursday, May 02, 2024
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Maharashtra: 'ऑपरेशन कमल लोकतंत्र के लिए खतरनाक', शिवसेना ने BJP पर साधा निशाना

Maharashtra: शिवसेना ने कहा कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चिंतित है और शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार जैसे प्रतिद्वंद्वी नेताओं से डरी हुई है।

Shailendra Tiwari Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: August 26, 2022 14:59 IST
Former CM of Maharashtra Uddhav Thackeray- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Former CM of Maharashtra Uddhav Thackeray

Highlights

  • 'भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चिंतित'
  • 'ED का इस्तेमाल कर केजरीवाल सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है'
  • शिवसेना को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है

Maharashtra: उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर ED का इस्तेमाल कर दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि यह दिखाता है कि ऑपरेशन कमल लोकतंत्र के लिए कितना खतरनाक है। शिवसेना ने BJP पर निशाना साधा है।

'भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चिंतित'

शिवसेना ने कहा कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चिंतित है और शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार जैसे प्रतिद्वंद्वी नेताओं से डरी हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि भाजपा ने उनके 40 विधायकों को 800 करोड़ रुपये की पेशकश करके उनकी पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। भाजपा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है।

'ED का इस्तेमाल कर केजरीवाल सरकार को गिराने की कोशिश'

शिवसेना ने आगे कहा, ‘‘यह दिखाता है कि ‘ऑपरेशन कमल’ लोकतंत्र के लिए कितना खतरनाक है।’’ सम्पादकीय में कहा गया कि जांच एजेंसियों के छापे और बदले की राजनीति भाजपा के सबसे बड़े हथियार हैं। भाजपा पर विपक्षी दलों द्वारा चलाई जा रही राज्य सरकारों को गिराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए विरोधी दल इसे पार्टी का ‘ऑपरेशन कमल’ करार देते हैं। भाजपा का चुनाव चिह्न कमल (कमल) है। शिवसेना के मुखपत्र में आरोप लगाया गया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) का इस्तेमाल कर केजरीवाल सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है।

‘ऑपरेशन कमल बिहार और तेलंगाना में भी नहीं चल पाया'

सामना के सम्पादकीय में कहा गया कि एकनाथ शिंदे (अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री) और शिवसेना के अन्य बागी विधायक केंद्रीय एजेंसियों के दबाव के आगे झुक गए, लेकिन दिल्ली में आप विधायकों ने ऐसा नहीं किया। इसमें कहा गया कि ‘ऑपरेशन कमल’ बिहार और तेलंगाना में भी नहीं चल पाया। भाजपा द्वारा बहुमत ‘‘सही तरीके से’’ हासिल नहीं किया गया, बल्कि इसे ‘‘लूट’’ के जरिए हासिल किया गया है। उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे समूह के बीच सुप्रीम कोर्ट में जारी कानूनी लड़ाई का जिक्र करते हुए सम्पादकीय में कहा गया कि शिवसेना को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए।

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